गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। बुधवार को महाराजगंज के दो सराफा कारोबारियों से हुई करीब 35 लाख नकदी व जेवरात की लूट का खुलासा किया है। इस लूटकांड में बस्ती जिले में तैनात एक दरोगा व दो सिपाही शामिल थे। गुरुवार की सुबह जब लूटकांड में तीनों के शामिल होने का पता चला तो महकमें में हडकंप मच गया।
सहकर्मी बताते हैं कि भले ही उनमें एक दरोगा और बाकी दोनों सिपाही थे लेकिन उनका आपसी तालमेल और गठजोड़ कमाल का था। पुलिस ने इस गैंग के कुल छह सदस्यों को पकड़ा है।
गहनों की खरीदारी के लिए लखनऊ जा रहे थे
महराजगंज जिले में निचलौल के रहने वाले सराफा व्यापारी दीपक वर्मा और रामू वर्मा बुधवार को गहनों की खरीदारी करने के लिए रोडवेज बस से लखनऊ जा रहे थे। दोनों के पास 19 लाख की नकदी और 16 लाख के पुराने गहने थे। नकदी व गहनों को एक बैग में रखकर दोनों साथ में जा रहे थे। इसी बीच दरोगा और दोनों सिपाही गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन पहुंचे और आयकर चोरी की बात कहते हुए दोनों व्यापारियों को लोगों के सामने हिरासत में ले लिया। उनमें लेनदेन की बात होने लगी, लेकिन उसी दौरान तीनों की नीयत खराब हो गई। इन्होंने सारा माल हड़प कर दोनों व्यापारियों को पीटकर छोड़ दिया। उन्हें अंदाजा नहीं था कि व्यापारी पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंच जाएंगे।
अलग-अलग जिलों के निवासी होने के बावजूद माना जाता था कि सजातीय आत्मीयता इनकी निकटता का कारण है, लेकिन गुरुवार को तीनों पुलिसकर्मियों दरोगा धर्मेंद्र यादव, कांस्टेबल संतोष यादव व कांस्टेबल महेंद्र यादव की करतूत ने पूरे महकमे को शर्मसार कर दिया। इनके पास से लूट का पूरा माल बरामद हुआ है। गैंग के सदस्यों ने 29 दिसंबर को हुई एक अन्य लूटकांड को भी स्वीकार किया है। इनमें कांस्टेबल महेंद्र का शादी के लिए रिश्ता तय है।
24 घंटे के अंदर किया गाया गिरफ्तार
SSP जोगिन्दर कुमार ने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी (CCTV) फुटेज की मदद से कैंट इलाके के पैडलेगंज से वर्दीधारी तीनों बदमाशों और उनके तीन साथियों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि एसआई धर्मेंद्र यादव सितंबर 2018 में बलिया से स्थानांतरित होकर आया था, जबकि 2018 में भर्ती हुए दोनों सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव की जनवरी 2019 में पुरानी बस्ती थाने पर तैनाती हुई थी।
इसके अलावा बोलेरो ड्राइवर देवेंद्र यादव, मुखबिरी करने वाले शैलेश यादव व एक अन्य आरोपी दुर्गेश अग्रहरि को पकड़ा गया है। वहीँ लूटकांड में इस्तेमाल हुई बोलेरो गिरफ्तार ड्राईवर देवेंद्र यादव के छोटे भाई राहुल के नाम पर पंजीकृत है। परिवार ने हड़िया चौराहे पर मकान बनवा रखा है। लेकिन लूटकांड में नाम आने के बाद से घर पर ताला लटका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि देवेंद्र तीन भाइयों में मझला है। हाल के वर्षों में देवेंद्र ने काफी रकम कमाई है। उसके घर में बोलेरो, के अवाल एक कार, दो ट्रैक्टर भी है। तीनों भाई बुकिंग पर गाड़ी भी चलवाते हैं।
पुलिस की पूछताछ में 29 दिसंबर को शाहपुर इलाके में स्वर्ण व्यवसाई से लूट की घटना को अंजाम देने की बात भी इस गैंग ने स्वीकार की है। पुलिस ने इनके पास से लूट का सारा माल बरामद कर लिया है। इनके पास से घटना में इस्तेमाल की गई बोलेरो भी बरामद की गई है। इनके खिलाफ शाहपुर और कैंट थाने में IPC की धारा 395, 412 और 420 की धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। इनके खिलाफ गैंगस्टर के साथ एनएसए (NSA) और बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जाएगी।