प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून लागू होने के मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 25 जनवरी की तारीख तय की थी, लेकिन शनिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इस प्रकरण पर अब दो फरवरी को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट में योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से धर्मांतरण कानून लागू होने के मामले पर याचिका दी गई है। जिसमें सभी मामलों को सुने जाने की अपील हुई है। इसी के कारण हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई को 25 जनवरी को टाल दिया और अब 2 फरवरी को केस सुना जाएगा। इस मामले में पहले प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है, ऐसे में हाईकोर्ट यहां दायर याचिकाओं को रद कर इस मसले पर पहले 18 जनवरी को सुनवाई हुई थी, तब हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करने से इन्कार किया और सुनवाई के लिए 25 जनवरी तक का वक्त दिया था।
राज्य सरकार ने दायर किया था जवाबी हलफनामा
प्रदेश में पहचान बदलकर लव जिहाद के जरिये धर्मांतरण यानी लव जेहाद प्रतिबंधित करने के प्रदेश में बने कानून की वैधता की चुनौती याचिकाओं की सुनवाई अब दो फरवरी को होगी। सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट को बताया गया कि सभी याचिकाओं को स्थानांतरित कर एक साथ सुनने की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गयी है। जिसकी अब शीघ्र सुनवाई होगी, इसलिए अर्जी तय होने तक सुनवाई स्थगित की जाय। जिस पर सुनवाई स्थगित कर दी गयी है। राज्य सरकार की तरफ से याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है।