नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव और पूर्व सीआईए प्रमुख लियोन पनेटा ने एक साक्षात्कार में बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा 2011 में जब दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मरने के लिए ऑपरेशन किया गया तब विश्वास की कमी के कारण ओसामा बिन लादेन के स्थान के बारे में पाकिस्तान को सूचित नहीं किया। जानकारी न देने के पीछे हमारे पास कई पुराने ऐसे अनुभव थे, जिसमें हमने पाकिस्तान को आतंकवादियों के बारे में बताया, लेकिन हमारा विश्वास टूटा।
अमेरिकी टीवी चैनल के साक्षात्कार में कही बात
पनेटा ने WION TV को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि उन्हें यह ‘विश्वास करना मुश्किल’ लगता है कि पाकिस्तान में कोई ऐसा नहीं था जो ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद परिसर के बारे में न जानता हो। बता दें कि दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादी और उस समय के अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को 2 मई, 2011 को पाकिस्तान में उसके एबटाबाद परिसर में अमेरिकी नौसेना सील टीम द्वारा गुप्त ऑपरेशन में मार दिया गया था।
सुरक्षा के कड़े पहरे में रहता था लादेन
2011 की घटना के बारे में पनेटा ने आगे कहा कि जब हमने पाकिस्तान में इस परिसर का स्थान खोजा, तो यह एबटाबाद नामक स्थान पर स्थित था। एबटाबाद उनकी ख़ुफ़िया सेवाओं का केंद्र है और पाकिस्तानी वेस्ट पॉइंट भी वहीं स्थित है, और अमेरिकी सैन्य अकादमी न्यूयॉर्क में वेस्ट प्वाइंट में स्थित थी। यह कंपाउंड अन्य कंपाउंड्स के आकार का तीन गुना था, इसमें एक तरफ 18 फुट की दीवारें थीं और इसके चारों तरफ 12 फुट की दीवारें थीं, जिसके चारों ओर कांटेदार तार थे। यह पनेटा ने कहा, जो सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के निदेशक थे जब ऑपरेशन किया गया।
पाकिस्तान की पात्रता पर विश्वास करना मुश्किल
पनेटा ने कहा कि मुझे यह विश्वास करना बहुत मुश्किल था कि पाकिस्तान में कोई ऐसा नहीं था जो इस जगह के बारे में ना जानता हो, जैसा कि दावा किया गया। पनेटा ने कहा कि एक बार जब अमेरिका को कंपाउंड मिल गया, तो हमें तब यह निर्णय लेना पड़ा कि क्या वह पाकिस्तान के साथ जानकारी साझा करनी चाहेंगे या राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जिस आधार पर निर्णय लिया कि ओसामा के खिलाफ ऑपरेशन चलाने जाए और हमारे पहले के अनुभवों के खातिर हमने आखिरकार अपना फैसला तैयार किया।
भरोसे की कमी के कारण नही किया पाकिस्तान को सूचित
उन्होंने कहा कि हमारे पहले के अनुभवों को ध्यान रखते हुए और भरोसे की कमी के कारण, बहुत स्पष्ट रूप से, हमने बिन लादेन के स्थान के बारे में पाकिस्तानियों को सूचित नहीं करने का फैसला किया और हमने उन्हें उस ऑपरेशन के बारे में सूचित नहीं किया जो हमने किया था क्योंकि हम चिंतित थे कि अगर हमने ऐसा किया तो इसकी संभावना थी लादेन को स्थानांतरित करने की सलाह दी जाएगी। सीधे शब्दों में कहें तो अगर पाकिस्तान को पता चल जाता तो लादेन का स्थान बदल दिया जाता, उसे कड़ी सुरक्षा में गायब कर दिया जाता।