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तीन साल बाद देश में फिर इस महामारी ने दी दस्ताक, कई राज्य अलर्ट पर

नई दिल्ली : देश अभी कोरोना महामारी से उभरा भी नहीं है कि अब एक नया संकट खड़ा हो गया है. देश के पांच राज्यों में बर्ड फ्लू का संकट मंडराने लगा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और केरल में हजारों पक्षियों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है. बर्ड फ्लू के नाम से पहचाने जाने वाली यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 के कारण होती है, जिसकी चपेट में आकर पक्षी तो दम तोड़ ही देते हैं. साथ ही यह इंसानों के लिए भी बेहद खतरनाक है. यानी एक तरफ कोरोना संकट से निपटने के लिए वैक्सीनेशन पर चर्चा चल रही है, तो दूसरी तरफ बर्ड फ्लू ने प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए हैं. चिंता की बात ये है कि दोनों ही बीमारियों के लक्षण काफी हद तक मिलते-जुलते हैं.

क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण और इंसानों के लिए कैसे खतरनाक है…

बर्ड फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं जैसे सांस लेने में समस्या, उल्टी होने का एहसास, बुखार, नाक बहना, मांसपेशियों, पेट के निचले हिस्से और सिर में दर्द रहना. यह बीमारी इंसानों में मुर्गियों और संक्रमित पक्षियों के बेहद पास रहने से होती है. यह वायरस इंसानों में आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है. एवियन इन्फ्यूएंजा वायरस काफी खतरनाक होता है और इंसानों की जान तक लेने में सक्षम है. इसलिए डॉक्टर अकसर सलाह देते हैं कि अगर बर्ड फ्लू का संक्रमण इलाके में फैला है तो नॉनवेज खरीदते वक्त साफ-सफाई रखें और संक्रमित एरिया में मास्क लगाकर ही जाएं.

हरियाणा का पोल्ट्री हब कहे जाने वाले अंबाला और पंचकुला में एक लाख मुर्गियों की मौत हो गई. फिलहाल सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. वहीं कोरोना की वैक्सीन का इंतजार हो रहा है और देश में एक दूसरी समस्या ने पैर पसारना शुरू कर दिया है. उत्तर से दक्षिण तक अचानक हजारों पक्षियों की मौत से हड़कंप मच गया है. कौवे, बत्तख, मुर्गियों और बगुले की मौत को लेकर राजस्थान, एमपी, हिमाचल गुजरात, मध्य प्रदेश हर जगह खलबली मच गई है. राजस्थान में तो नौबत यहाँ तक आ गई है कि धारा-144 लागू करनी पड़ी है.

पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने जारी किया निर्देश पर अलर्ट

वहीँ मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने कहा, ‘प्रदेश में हो रही कौवों की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी किया गया है.’ इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौवों और पक्षियों की मौत की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में बर्ड फ्लू की दस्तक से अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए हैं. अब तक झालावाड़ में 100, कोटा में 47, बारां में 72, पाली में 19 और जयपुर के जलमहल पर 10 कौए सहित प्रदेश भर में 245 कौओं की मौत हो चुकी है. पक्षियों की मौत से हरकत में आई पशुपालन विभाग की कोटा संभाग की टीम जांच करने झालावाड़ पहुंची. जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को सैनिटाइज भी कराया. साथ ही सभी मृत कौओं को प्रोटोकॉल के मुताबिक गड्ढे खोदकर जलवाया गया, जिससे इलाके में संक्रमण का खतरे से बचा जा सके.

इलाकों के 15 सैंपल्स जांच के लिए भेजे गए

वहीं हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पोंग डैम सेंक्चुरी में भी 1700 प्रवासी पक्षियों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है, जिससे अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं. अधिकतर पक्षियों की मौत जगमोली, गुगलाडा में हुई है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न इलाकों के 15 सैंपल्स जांच के लिए भेजे गए हैं. कुछ दिनों में बैक्टीरियल, पैथोजेन और वायरल रिपोर्ट्स मिल जाएंगी. तब तक हम बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं कर सकते. लेकिन आशंका है कि यह फ्लू है क्योंकि पक्षी काफी तादाद में मर रहे हैं.

देश में अब तक 49 बार अलग अलग राज्यों में यह बीमारी फैली है और करीब 83.5 पक्षियों को मारा गया है. भारत में बर्ड फ्लू की पहली दस्तक यानि अक्तूबर 2016 और फरवरी 2017 के दौरान देश के नौ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद 6 जून 2017 में भारत के कृषि मंत्रालय ने एवियन इंफ्लूएन्जा एच5एन8 और एच5एन1 से मुक्त घोषित दिया और इसकी सूचना भी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को दी थी। आपको बता दें कि आखिरी बार कर्नाटक के बीदर जिले के हुमनाबाद में बर्ड फ्लू सामने आया था। इसे फैलने से रोकने के लिए एक किलोमीटर की परिधि में आने वाले इलाकों में पक्षियों को मारने और साफ.सफाई का काम किया गया। इसके बाद देश में भी कहीं से इसकी सूचना नहीं मिली.

 

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