कानपुर: कानपुर पुलिस का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। जहां दो साल पहले चोरी हुई एक कार पुलिसवाले से मिली है। इस पुलिसवाले की पहचान बिठूर पुलिस स्टेशन के स्टेशन ऑफिसर (एसओ) कौशलेंद्र प्रताप सिंह के तौर पर हुई है। दो साल पहले साल 2018 में बर्रा इलाके से चोरी हुई वैगनआर कार का इस्तेमाल बिठूर पुलिस स्टेशन के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह करते पाए गए। कौशलेंद्र बीते साल 2020 में दो जुलाई को बिकरु गांव में =के साथ मुठभेड़ में घायल हुए थे। 15 दिन पहले कार को सर्विस के लिए सर्विस सेंटर भेजा गया, जिसके बाद कार मालिक ओमेंद्र सोनी के पास फीडबैक लेने के लिए कॉल की गई तब पुलिस की इस करतूत का खुलासा हुआ।
क्या है मामला ?
दरअसल, बर्रा निवासी ओमेंद्र सोनी की ऐड (विज्ञापन) एजेंसी है। कार के मालिक ओमेंद्र सोनी ने कहा कि 31 दिसंबर 2018 को उनकी कार बर्रा क्षेत्र से कार वॉशिंग सेंटर से चोरी हो गई थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने बर्रा पुलिस के पास एक एफआईआर भी दर्ज कराई थी, लेकिन करा नहीं मिली। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें केटीएल सर्विस सेंटर से एक कॉल आई थी, जिसमें उनसे पूछा गया कि कुछ दिन पहले सर्विस के बाद उनकी गाड़ी ठीक चल रही है या नहीं। मैं उनके इस सवाल पर हैरान हो गया। इसके बाद मुझे बताया गया कि वैगन आर की पिछली सर्विसिंग के कारण उनके पास मेरी जानकारी थी और फीडबैक के लिए ही कॉल किया गया था।
इसके बाद जब मैं सर्विस सेंटर पहुंचा तो मुझे बताया गया था कि कार को बिठूर के एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह को 22 दिसंबर को सर्विसिंग के बाद लौटा दिया गया था। इसके बाद मैंने सोचा कि पुलिस ने उन्हें उनकी चोरी हुई कार मिलने की सूचना क्यों नहीं दी। उधर अपने बचाव में कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया कि उन्होंने कार को ढूढ़ लिया था, जिसके बाद कार को सीज कर लिया था। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि कार उन्हें किस दिन मिली।
जांच के बाद एसओ पर होगी विभागीय कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि सीज कार का उपयोग करना कानून के खिलाफ है। पूरे मामले की जांच की जाएगी और जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उस पर गंभीर विभागीय कार्रवाई होगी।