Friday , March 24 2023
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र का आगाज
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र का आगाज

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र का आगाज

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26 जनवरी को प्रदर्शनारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि किसानों के आंदोलन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत करीब 20 पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है।

कोविंद ने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं।

उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में इन कानूनों के क्रियान्वयन देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।

गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण : कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दिनों तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।

लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन हो : मोदी

बजट सत्र से पहले संसद परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य के लिए यह दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें तेज गति से पूरा करने का यह स्वर्णिम अवसर आया है। इस दशक का भरपूर उपयोग हो, इसको ध्यान में रखते हुए चर्चा हो। सभी प्रकार के विचारों का मंथन हो। लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए। जनआकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इसे हम आगे बढ़ाएंगे।

यह बजट 4-5 मिनी बजट की सीरीज

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं, वित्तमंत्री को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देना पड़ा। यानी 2020 एक तरह से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए यह बजट भी उन 4-5 बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा यह मुझे पूरा विश्वास है।

19 विपक्षी दल ने किया बायकॉट

कृषि कानून के विरोध में 19 पार्टियों ने 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकॉट किया। इनमें कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, तृणमूल, केरल कांग्रेस (एम), बसपा, आप, अकाली दल, एनसीपी, जेकेएनसी, डीएमके, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके और एआईयूडीएफ शामिल हैं। इन दलों का कहना है कि पिछले सेशन में केंद्र ने जिस तरह तीनों कृषि कानूनों को पास किया, वह ठीक नहीं था।

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा

राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किए जाने पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर निशाना साधा। कहा, ये दुर्भाग्यपूर्ण है। राष्ट्रपति किसी राजनीतिक दल के नहीं होते हैं। वो संवैधानिक मुखिया हैं। उनका सम्मान किया जाना चाहिए। लोकतंत्र की मजबूती के लिए उनके अभिभाषण का सम्मान करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि विपक्ष ने और खासतौर पर कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया। कांग्रेस ने पिछले 50 साल तक देश पर राज किया। ये गलत परंपरा की शुरूआत की गई है।

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