आचार्य हर्षित तिवारी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त अनुसार घट स्थापना का उत्तम मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 6.25 से लेकर 9.25 तक रहेगा। यह मुहूर्त सरकारी, गैर सरकारी, नौकरी पेशा लोगों व बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अति शुभ और उन्नतिकारक है।
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आपको मिलेगा सबकुछ, जो आप चाहेंगे
कलश को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक माना गया है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रुद्र, मूल में ब्रहा तथा मध्य में देवी शक्ति का निवास माना जाता है। नौका वाहन के साथ मां दुर्गा के आगमन या प्रस्थान करने का अर्थ होता है कि, माता रानी से वह सबकुछ प्राप्त होगा, जो आपको चाहिए।
कलश स्थापना की विधि
ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार कलश स्थापना के लिए सूर्योदय से पहले उठें व स्थान कर साफ कपड़े पहनें। फिर चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा स्थापित करें। इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें।
एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इसपर कलावा बांधे। कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक या आम के पत्ते रखें। एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधे।
मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान
इस नारियल को कलश के ऊपर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें। नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल व मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है। बता दें कि घरों में कुल देवी की पूजा कर लाल चूनर जरुर अर्पित करें। इससे अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
करें विशेष उपाय
आचार्य हर्षित तिवारी जी के अनुसार नवरात्रि के दौरान सूर्यास्त के समय तिल के तेल का अथवा धी का दीपक प्रज्जवलित करें। लाल अथवा पीले वस्त्र के आसन पर बैठकर सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। सिर्फ इस स्तोत्र के पाठ से ही पूरे दुर्गा पाठ का लाभ मिलता है।
चमत्कारिक रूप से दूर होंगे कष्ट
यदि पाठ ना कर पाएं, तो ओम ऐं ह्रीं नम: का 108 बार जाप करें और एक दुर्गा कौड़ी को लाल वस्त्र में हर एक मंत्र के बाद रखें। इस प्रकार 108 कौड़ी को प्रति रात्रि में जागृत करें। नौ रातों के बाद इन्हें घर में रखने से चमत्कारिक रूप से कष्ट दूर होंगे।
नौ कन्याओं के पूजन का महत्व
काली शंख, लक्ष्मी शंख व सरस्वती शंख में रात्रि में जल भरकर अगली रात्रि में मुख्य द्वार पर छिड़कने से आर्थिक, शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और घर में विद्यार्थियों को लाभ की प्राप्ति होती है। इसके अलावा नौ कन्याओं को मां का स्वरूप मानकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
1चैत्र नवरात्रि 9 दिनों तक चलने वाला हिन्दूओं का पावन त्योहार है। मां दुर्गा की आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से होने जा रहा है।