लखनऊ: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस एग्जामिनेशन (NEET) में पूर्णांक हासिल कर इतिहास रचने वाली उत्तर प्रदेश की कुशीनगर की छात्रा आकांक्षा सिंह के परिवार को को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अपने सरकारी आवास पर सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए ‘मिशन शक्ति’ चला रहे सीएम योगी प्रदेश की इस बेटी से प्रभावित हैं, इसीलिए उसे सम्मानित करने का फैसला किया। प्रदेश सरकार ने आकांक्षा की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का भी निर्णय लिया है।
सपना पूरा होने जैसा है पल – आकांक्षा सिंह
बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात के दौरान आकांक्षा सिंह ने कहा कि यह पल जीवन का सपना पूरा होने जैसा है। उन्होंने कहा कि हमेशा अपने सपनों और इरादों को ऊंचा रखिए। इनको हासिल करने में आ रही कठिनाइयों को मौका समझिए। उन्होंने सलाह दी कि सफलता के लिए हार्ड वर्क के साथ स्मार्ट वर्क जरूरी है। उन्होंने कहा कि यूपी में शुरू किए गए मिशन शक्ति से बहुत प्रेरणा मिली है। आकांक्षा ने नारी सशक्तीकरण को लेकर शुरू किए गए इस अभियान के लिए सीएम योगी को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर आकांक्षा सिंह और उनके पूरे परिवार को बधाई देते हुए कहा कि ऊंचे इरादे, परिश्रम और निष्ठा के साथ लक्ष्य को पाया जा सकता है, इसे आकांक्षा ने सिद्ध कर दिया है। आकांक्षा बालिकाओं के लिए रोल मॉडल हैं और उन परिवारों के लिए भी जो बालिकाओं को पढ़ाने में कोताही बरतते हैं। थोड़ा भी हम ध्यान दे दें तो बालिकाएं भी बालकों से कम नहीं हैं।
सरकार उठाएगी का पढ़ाई का खर्चा
सीएम योगी ने आकांक्षा का सम्मान करते हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी को निर्देश दिया कि आकांक्षा सिंह की यूजी कोर्स की पूरी फीस और हॉस्टल के खर्चे का पूरा विवरण परिवार से लेकर उसका एक मुश्त भुगतान कर दिया जाए, ताकि बाद में परिवार को भटकना न पड़े। मुख्यमंत्री ने गांव की एक सड़क आकांक्षा के नाम पर किए जाने की भी घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आकांक्षा और उनके छोटे भाई अमृतांश को टैबलेट, माता-पिता को शॉल देकर सम्मानित किया।
बता दें कि हाल ही में आए नीट के परिणाम के बाद से कुशीनगर निवासी राजेंद्र कुमार राव और रुचि सिंह की बेटी आकांक्षा सिंह सभी की सराहना बटोर रही हैं। आकांक्षा सिंह ने नीट-2020 में 720 में पूरे 720 अंक लाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। हालंकि उम्र कम होने की वजह से आकांक्षा को दूसरी रैंक दी गई है। अपने गृह जिले के नवजीवन मिशन स्कूल से दसवीं कक्षा में 97.6 फीसद और नई दिल्ली स्थित प्रगति पब्लिक स्कूल से बारहवीं में 96.4 फीसद अंक लाकर पहले भी अपने माता-पिता का मान यह बेटी बढ़ा चुकी है। अब उसकी इच्छा एम्स नई दिल्ली में प्रवेश लेकर न्यूरोसर्जन बनने की है।