नई दिल्ली : हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ब्लैक पैंथर के अभिनेता चैडविक बोसमैन का कोलोन कैंसर से निधन हो गया. बीते दिन सुबह यह दुखद खबर सोशल मीडिया के माध्यम से फैन्स तक पहुंची, जिसके बाद ट्विटर पर ‘वाकांडा फॉरएवर, किंग टी चाला’ ट्रेंड करने लगे. मार्वल मूवीज में ब्लैक पैंथर का दमदार किरदार निभाने वाले बोसमैन का निधन 43 साल की उम्र में हो गया. चैडविक चार सालों से कैंसर से जंग लड़ रहे थे. इससे पहले बॉलीवुड-हॉलीवुड एक्टर इरफ़ान खान का निधन भी कोलों कैंसर से हुआ था.
कोलोन कैंसर की बात करें, तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिका के सीडीसी (CDC) का कहना है कि फेफड़ों के कैंसर के बाद दुनिया भर में होने वाला यह दूसरा सबसे आम कैंसर है. आइए, जानते हैं कितनी खतरनाक है यह बीमारी-
कोलोरेक्टल कैंसर क्या है?
आंत का कैंसर और मलाशय कैंसर एक साथ हो सकते हैं, इसे कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है. मलाशय कैंसर मलाशय में उत्पन्न होता है, जो गुदा के निकटतम बड़ी आंत का हिस्सा होता है. कोलोरेक्टल कैंसर के अधिकतर मामले अडेनोमाटोस पॉलिप्स नामक कोशिकाओं के छोटे, कैंसर मुक्त गुच्छों के रूप में शुरू होते हैं. समय के साथ इनमें से कुछ पॉलिप्स कोलोरेक्टल कैंसर बन जाते हैं.
पॉलिप्स अक्सर छोटे होते हैं, और उनके होने के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए डॉक्टर नियमित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट कराने का सुझाव देते हैं. ये टेस्ट कोलन कैंसर बनने से पहले पॉलिप्स की पहचान कर लेते हैं और कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में मदद करते हैं.
कोलोन इंफेक्शन के कारण
कोलाइटिस इंफेक्शन वायरस, बैक्टीरिया और पैरासाइट्स कोलोन इंफेक्शन का कारण हो सकते हैं. जब हम कुछ ऐसा खा लेते हैं जिसे पचा पाना शरीर के लिए मुश्किल हो रहा हो, तो पाचन क्रिया के दौरान कई तरह के मलाशय में कई तरह के केमिकल बन जाते हैं, जो संक्रमण का कारण हो सकते हैं. इसके अलावा गलत खानपान के चलते भी ऐसा हो सकता है. ज्यादा मांसाहार का सेवन, कम फाइबर वाली चीजों को खाना इसके मुख्य कारण हो सकते हैं. अध्ययन में पाया गया कि कोलोरेक्टल कैंसर और उससे होने वाली मौत के जोखिम को बढ़ाने में धूम्रपान की विशेष भूमिका है.
कोलोन कैंसर से बचाव
- विशेष रूप से यदि आपको पहले कोलोरेक्टल कैंसर रह चुका है, आपकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, इस प्रकार के कैंसर का एक पारिवारिक इतिहास है, आप क्रोहन रोग से पीड़ित हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 50 वर्ष की आयु के बाद जांच कराना शुरू कर देना चाहिए.
- सुनिश्चित करें कि आपके आहार में भरपूर फाइबर, सब्जियांऔर अच्छी गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट हों. लाल मांस और संसाधित मांस के सेवन को सीमित कर दें या बंद कर दें.
- संतृप्त वसा के स्थान पर अच्छी गुणवत्ता वाले वसा, जैसे कि एवोकाडो, जैतून का तेल, मछली के तेल और मेवे का सेवन करें. हालांकि, इस अध्ययन में पाया गया कि यद्यपि शाकाहारी व्यक्तियों में कैंसर विकसित करने का जोखिम कम होता है, लेकिन कोलोरेक्टल कैंसर विकसित होने का खतरा मांस खाने वालों की तुलना में इन व्यक्तियों में अधिक है.
- व्यायाम नियमित रूप से व्यायाम करें. प्रतिदिन थोड़ा-थोड़ा व्यायाम करने से कोलोरेक्टल कैंसर के विकास का खतरा कम किया जा सकता है.
- अपने शरीर के वज़न को संतुलित बनाए रखें. अधिक वजन बढ़ने से या मोटापे के कारण व्यक्ति में कोलोरेक्टल कैंसर सहित अन्य कैंसर विकसित करने का जोखिम बढ़ जाता है.
अगर आपको मलाशय में किसी तरह की कोई जलन, दर्द या टॉयलेट करते समय किसी तरह की परेशानी होती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और चेकअप कराएं. शुरुआत में इस बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.