नई दिल्ली: कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में आज निधन हो गया. दिल्ली के फोर्टिंस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वो दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और 2000 से 2018 तक पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे थे. वोरा के बाद अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष बनाया गया था. इसी साल 25 नवंबर को पटेल का भी निधन हो गया था.
राहुल ने जताया दुख
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि वोरा जी सच्चे कांग्रेसी और जबर्दस्त इंसान थे. उनकी कमी बहुत खलेगी. उनके परिवार से साथ मेरी संवेदनाएं हैं.
मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश की राजनीति अहम हिस्सा रहे
1968 में वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश की दुर्ग म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य बने. 1970 में कांग्रेस में शामिल हुए. 1972 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. इसके बाद 1977 और 1980 में भी विधायक चुने गए. अर्जुन सिंह की कैबिनेट में पहले उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री रहे. 1983 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए. 1981-84 के दौरान वे मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन भी रहे.
13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. 13 फरवरी 1988 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य-परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला. अप्रैल 1988 में वोरा मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए. 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.
शनल हेराल्ड केस के कारण विवादों में रहे
वोरा 22 मार्च 2002 को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बनाए गए. नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की संपत्ति विवाद में वोरा विवादों में भी रहे. फिलहाल इस केस को लेकर कोर्ट में अभी सुनवाई चल रही है. मामले कोई फैसला नहीं हुआ है.