नई दिल्ली : 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में आरोपी ठहराए जा रहे पंजाब के कलाकार दीप सिद्धू ने फेसबुक पर लाइव आकर किसान नेताओं को खुली चेतावनी दी। बार बार गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने किसान नेताओं चेताते हुए कहा कि अगर उन्होंने अंदर की बातें खोलनी शुरू कर दी तो इन नेताओं को भागने की राह नहीं मिलेगी। इस बात को डायलॉग न समझें। ये बात याद रखना। मेरे पास हर बात की दलील है। मानसिकता बदलो।
युवाओं को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च
फेसबुक पर लाइव होकर दीप सिद्धू ने कहा कि उनके बारे में कई बातें कही जा रही हैं। ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जाएं। दिल्ली में 26 जनवरी को लाल किले पर झंडा लगाने के मामले में दीप सिद्धू ने कहा कि युवाओं को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था। बाद में किसान नेताओं ने दिल्ली में तय रूट पर परेड की बात कह दी। युवाओं ने इस पर रोष जाहिर किया तो किसान नेता वहां से किनारा कर गए।
उन्होंने किसान नेताओं को अहंकारी बताते हुए कहा कि वे सरकार की भाषा बोलते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि एकता बनाए रखें और 26 जनवरी की घटना को याद रखें। सिद्धू ने कहा कि किसान नेताओं ने इस मामले में स्टैंड नहीं लिया। उन्होंने बार बार लाल किले पर झंडा लगाने की बात का बचाव किया।बाइक पर भागने की वीडियो वायरल होने पर सिद्धू ने कहा कि जिसकी पुष्टि नहीं है, उसे सच माना जा रहा है।
प्रापर्टी को नुकसान नहीं पहुंचाया
हिंसा करवाने की बात पर सिद्धू ने सवाल किया कि कौन सी हिंसा की गई। हमने लाल किले में किसी प्रापर्टी को नुकसान नहीं पहुंचाया। दिल्ली पुलिस के बारे में सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने हमें कहा कि जो करना है, शांतिपूर्वक करो और यहां से जाओ। भाजपा और आरएसएस से रिश्तों पर सिद्धू ने कहा कि ये सब गलत है। उन्होंने कांग्रेस से भी रिश्तों को नकारा।
बता दें कि किसान संगठनों ने दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा का आरोप दीप सिद्धू पर लगाया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चंढूनी ने कहा कि किसान संगठनों का लाल किले पर जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया और आउटर रिंग रोड से लाल किले तक ले गए। इस मामले में दर्ज FIR में सिद्धू का भी नाम है।