लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इसके साथ ही मोदी ने प्रयागराज में बने ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर की भी शुरुआत की। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारे के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यूपी के हर छोटे-बड़े उद्योग को इस कॉरिडोर से लाभ मिलेगा। यूपी का विकास होगा तो देश का भी विकास होगा। सीएम योगी ने कहा कि ससे क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
यह सेंटर रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। यह सेंटर रेलों की गति बढ़ाने में सहायक होगा। सीएम ने कहा कि भारतीय रेल का उत्तर प्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। रायबरेली स्थित रेल कोच फैक्ट्री, वाराणसी में लोकोमोटिव वर्क्स प्रोडक्ट्स यूनिट हैं। प्रदेश में आवागमन के त्वरित साधन के रूप में भारतीय रेल का अहम योगदान है। इस डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के बनने से मालगाड़ी की औसत रफ्तार 25 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 75 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। इससे प्रदेश के माल को बंदरगाहों तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी, समय की बचत होने के साथ ही रास्ते में माल खराब होने से भी बच सकेगा।
देश के बड़े भू-भाग को मिलेगा लाभ
सीएम योगी ने कहा कि इस फ्रेट कॉरिडोर के बनने से खाद्यान्न को लाने और ले जाने में सहूलियत होगी। उत्तर प्रदेश जैसे लैंड लॉर्ड राज्य के लिए इस कॉरिडोर का महत्व सबसे अधिक है। इस कॉरिडोर का 75 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। यह प्रदेशवासियों के लिए खुशी की बात है। उत्तर प्रदेश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन भी है। यह प्रदेश में स्थित औद्योगिक इकाइयों के लिए और भी लाभदायक सिद्ध होगा। लाजिस्टिक क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश में नए अवसर सृजित करने का मौका मिल रहा है। विगत 11 वर्षों से निर्माणाधीन इस परियोजना में पिछले 06 वर्षों में गति आई, यह अभूतपूर्व है, अभिनंदनीय है। इस गति के कारण ही यह फ्रेड कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के लिए नई संभावनाएं और नए अवसर लेकर आएगा। इसका लाभ देश के एक बड़े भू-भाग को प्राप्त होगा।
एमएसएमई यूनिट को मिलेगा फायदा
योगी ने कहा कि वंदे भारत व तेजस भी राज्य में संचालित है। प्रदेश के भीतर चार सालों के दौरान मानव रहित समपार फाटक हटाए गए हैं। जिससे बड़ी संख्या में जान-माल की हानि व दुर्घटना को रोकने में सफलता मिली है। 6 हजार से अधिक नई लाइन, अमान परिवर्तन, डबलिंग की परियोजनाओं पर का काम तेजी से हो रहा है। इससे यात्रियों को बेहतर व त्वरित लाभ मिलेगा। मालगाड़ियां भी लेट नहीं होगी। मुझे विश्वास है कि जितनी भी रेल की प्रोडक्शन यूनिट हैं, ये अधिक से अधिक मात्रा में प्रदेश की एमएसएमई यूनिट के साथ अपना संवाद बनाकर एक नई स्फूर्ति के साथ आगे बढ़ती हुई दिख रही है। इन एमएसएमई यूनिट को भारतीय रेलवे का सानिध्य मिलेगा।