बाराबंकी। प्रदेश में चोरों, लुटेरों, तस्करों के गिरोह को वारदात करते आपने सुना होगा। लेकिन क्या कभी आपने इन गिरोहों से बचाने का जिम्मा वाले पुलिस के बारे में सुना कि उसी ने कनपटी पर पिस्टल लगाकर एक युवक से तीन लाख वसूल लिए।मामला पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिस ने वसूली के दो लाख रुपये वापस कर दिए। आइजी ने एसपी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देर रात चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।
घटना बाराबंकी की है। यहां के मसौली क्षेत्र के ग्राम मूलीगंज निवासी राहुल सिंह का आरोप है कि 16 अक्टूबर की शाम वह सफदरगंज के ग्राम तुरकानी निवासी संदीप यादव के साथ मुख्य चौराहे पर लखनऊ से आ रहे स्वजन का इंतजार कर रहे थे।
आरोप है कि तभी वहां पहुंची दो कारों में सवार युवकों ने उसका अपहरण कर लिया। वे उसे कोठी इलाके के ग्राम उस्मानपुर के एक मकान में ले गए। यहां करीब छह सिपाहियों ने उसे बंधक बनाकर जेब से आठ हजार रुपये निकलवाए। इन रुपयों से बियर मंगाकर पी। यही नहीं, पिस्तौल कनपटी पर लगाकर दस लाख रुपये मांगे और रुपये न देने पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी।
प्रकरण पर शुरुआती जांच में ही चार सिपाहियों कोठी थाने के नीलेश सिंह, जमाल और पुलिस लाइन में तैनात आशीष तिवारी व अमित सिंह को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक डॉ.अरविद चतुर्वेदी ने बताया कि मामले में एएसपी साउथ की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है।आइजी अयोध्या डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि जांच के आधार पर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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