मुंबई: सलमान खान की पहली फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ ने रिलीज के 31 साल पूरे कर लिए हैं. निर्देशक सूरज बड़जात्या की इस फिल्म ने बॉलीवुड में को कामयाबी दिलाई थी. इस फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा मशहूर है जो सलमान ने खुद शेयर किया था.
कई साल पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह शुरुआत में अपने दुबलेपन से काफी परेशान थे और खुद का वजन बढ़ाने के लिए कुछ भी खा जाया करते थे. ‘मैंने प्यार किया’ के सेट पर तो उन्होंने 30 रोटियां और केले खूब खाए थे. सलमान ने आगे कहा था कि अब वह हेल्थ का बहुत ध्यान रहते हैं और खाना सूंघते ही उनका पेट भर जाता है.
भाग्यश्री ने किसिंग सीन से किया था इनकार
भाग्यश्री रूढ़िवादी परिवार से थीं, इसलिए उन्होंने फिल्म में कोई भी किसिंग सीन करने से मना कर दिया था. भाग्यश्री के पिता ने उन्हें केवल चूड़ीदार पहनने की इजाजत दी थी. फिल्म के लिए पहली बार उन्होंने जींस और वन पीस ड्रेस पहनी थी. 2015 में एक इंटरव्यू के दौरान सलमान ने बताया था कि भाग्यश्री के मना करने के बाद सूरज ने किस सीन में दोनों के बीच कांच की दीवार लाने का आइडिया दिया था.
फिल्म की शूटिंग के दौरान ही भाग्यश्री ने अपने पैरेंट्स की इच्छा के खिलाफ जाकर हिमालय दासानी से शादी कर ली थी. भाग्यश्री की शादी में सलमान और डायरेक्टर सूरज बड़जात्या पहुंचे थे. फिल्म के लिए भाग्यश्री को मनाने सूरज कई बार उनके घर गए थे.
28 करोड़ हुई थी कमाई
फिल्म का बजट महज 2 करोड़ था, जबकि कमाई 28 करोड़ रुपए हुई थी. सलमान खान को फिल्म के लिए 31 हजार रुपए बतौर फीस दिए गए थे. फिल्म के महज 29 प्रिंट्स ही रिलीज हुए थे, हिट होने के बाद इसके हजार प्रिंट्स और जोड़े गए. सलमान की यह फिल्म इंग्लिश में ‘व्हेन लव कॉल्स’ के नाम से रिलीज हुई. फिल्म को कैरेबियन मार्केट गुयाना, त्रिनिदाद और टोबेगो में भी सफल रही. यह फिल्म स्पैनिश में भी ‘ते अमो’ टाइटल से रिलीज हुई थी.
10 महीने में लिखा गया था स्क्रीनप्ले
लता मंगेशकर ने फिल्म के लिए अपने सारे गाने महज एक ही दिन में रिकॉर्ड किए थे. क्योंकि इसके अगले दिन उन्हें विदेश में कॉन्सर्ट टूर पर जाना था. सूरज बड़जात्या को फिल्म का स्क्रीनप्ले लिखने में 10 महीने लगे थे. फिल्म का पहला हाफ छह महीनों में पूरा हुआ था. जबकि दूसरा हाफ चार महीनों में लिखा गया था.
लक्ष्मीकांत बेर्डे ने इसी फिल्म से हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया था
मराठी फिल्मों का बड़ा नाम रहे लक्ष्मीकांत बेर्डे ने इसी फिल्म से हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया था. उसके बाद से उन्हें 90 के दशक में तकरीबन हर फिल्म में लीड कॉमेडियन के तौर पर देखा जाता था. फिल्म में दिलीप जोशी और राजू श्रीवास्तव ने कैमियो किया था. परवीन दस्तूर को भी मुंबई के एक प्ले के दौरान देखकर ही सीमा के रोल के लिए फाइनल किया गया था. इस फिल्म के बाद परवीन को केवल एक ही फिल्म 1997 में आई ‘दिल के झरोखे’ में देखा गया था.