Thursday , March 23 2023

अनोखा मामला: नि:संतान दंपति ने बछड़े को लिया गोद, कराया मुंडन संस्कार

शाहजहांपुर: शाहजहांपुर से एक अनोखा मामला सामना आया है. यह एक निसंतान दंपत्ति ने भगवान तथा पुरखों को कोसने की जगह पर जीवन की अलग शैली को अपनाकर लोगों को प्रेरणा देने वाला काम किया है. दंपत्ति एक बछड़े को गोद लिया है. इतना ही नहीं इन्होंने बीते दिनों बछड़े का मुंडन संस्कार भी कराकर उसको बेटे के रूप में गोद भी लिया है.

इंसानियत की नई मिसाल कायम करने वाले विजयपाल और राजेश्वरी से सीखे. इनकी शादी को 15 वर्ष से अधिक का समय बीत गया, मगर संतान नहीं हुई. इसकी निराशा में घिरने के बजाय उन्होंने बछड़े को बेटा मान लिया. दंपती उसकी देखरेख में लगे रहते. लगाव ऐसा गहरा हो गया कि बेटे की तरह तीसरे वर्ष में आने पर बुधवार को उसका मुंडन कराया, दावत की. रिश्तेदारों व ग्रामीणों को निमंत्रित करने के लिए कार्ड भी बंटवाए गए.

बछड़े को अपने बेटे के रूप में गोद लिया था

मुंडन समारोह के बारे में इन्होंने बताया कि उसने बछड़े को अपने बेटे के रूप में गोद लिया था. विजयपाल और राजेश्वरी देवी की शादी के 15 वर्ष बाद भी उनके पास कोई बच्चा नहीं है. विजय पाल ने कहा कि मैंने हमेशा लालटू (बछड़े) को अपना बेटा माना. बछड़े को जन्म से ही हमारे साथ जोड़ा गया है. लाल्टू का हमारे लिए बिना शर्त वाला सच्चा प्यार है. लाल्टू की मां (गाय) को उसके पिता ने पाला था और वह गाय हमारे परिवार से बहुत जुड़ी हुई थी. गाय के मरने के बाद, सभी ने बछड़े को अनाथ छोड़ दिया गया था, इसलिए हमने उसे अपने बेटे के रूप में अपनाने का फैसला किया. यदि गाय मां के रूप में पूजनीय हो सकती है तो एक बछड़े को पुत्र के रूप में प्यार क्यों नहीं किया जा सकता.

कार्ड छपवाकर किया निमंत्रित

कार्ड छपवाकर किया निमंत्रित मुंडन कार्यक्रम के लिए उन्होंने 15 दिन पहले ही करीब सौ कार्ड छपवाए. बछड़े को नाम दिया ललतू. रिश्तेदारों को बताया कि बुधवार को ललतू का मुंडन संस्कार होगा. कई लोग जुटे. इसके बाद महोलिया गांव के पास स्थित ललतू बाबा के स्थल पर पंडित संजीव मिश्र की मौजूदगी में बछड़े का मुंडन संस्कार कराया. बछड़े का नाम ललतू रखने के पीछे वजह बताई कि ललतू बाबा के सिद्ध स्थान पर मुंडन कराया, यह यादगार बनी रहे इसलिए नाम भी यही रख लिया. इसके बाद घर के बाहर ही दावत का इंतजाम किया, जिसमें कई लोग जुटे.

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