नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी सीमा विवाद को लेकर को मीडिया से बात करते हुए कहा सीमा पर जारी विवादों के लिए चीन और पाकिस्तान की संयुक्त साजिश का इशारा किया है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान एक मिशन के तहत भारत के साथ सीमा विवाद पैदा करने में जुटे हैं। उत्तरी सीमा पर पाकिस्तान की हरकत को लेकर हम पहले से वाकिफ हैं और अब पूर्वी सीमा पर चीन की ओर से एक मुहिम की तरह सीमा विवाद को जन्म दिया जा रहा है।
उन्होंने बात करते हुए साफ संदेश दिया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इन चुनौतियों का मजबूती से सामना ही नहीं करेगा बल्कि बड़ा बदलाव भी लाएगा। ऐसे वक्त में जब भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की वार्ता चल रही है, शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की ओर यह बयान साफ संकेत है कि भारत इस बार कुछ तय कर मैदान में डटा है।
चीन को दी चेतावनी
पूर्व में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत व सेना अध्यक्ष की ओर से तो दो मोर्चों पर लड़ाई की तैयारी की बात की जाती रही है, लेकिन रक्षा मंत्री की ओर से आए बयान को बहुत अहम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री ने इस बयान के जरिये चीन को यह साफ संकेत तो दे ही दिया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीनी अतिक्रमण से पैदा हुए तनाव और गतिरोध में भारत भी नरमी नहीं बरतेगा।
44 सड़कों और पुलों का वर्चुअल उद्घाटन में रक्षा मंत्री कही ये बात
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से देश के कई सीमावर्ती इलाकों में बनाए गए 44 सड़कों और पुलों का वर्चुअल उद्घाटन करने के मौके पर राजनाथ सिंह ने यह बात कही। पाकिस्तान-चीन से लगी सीमाओं की मौजूदा स्थिति की चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सभी उत्तरी और पूर्वी सीमा के हालात से वाकिफ हैं। इन दोनों देशों की भारत से करीब 7000 किलोमीटर लंबी सीमाएं हैं और इन इलाकों में तनाव बना हुआ है।
बीआरओ की इन परियोजनाओं से मिलेगी सेना को मजबूती
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बीआरओ की इन परियोजनाओं के पूरा होने से दुर्गम पहाडि़यों वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों और हथियारों की आवाजाही में आसानी होगी। साथ ही कम वक्त में रसद पहुंचाई जा सकेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन पुलों में सात पुल पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों में हैं जहां इस समय भारत और चीन के सैनिक आमने सामने गतिरोध की स्थिति में हैं।