प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला जेल में कैदियों की खुशी का ठिकाना नहीं है. क्योंकि उनके द्वारा बनाये गए कंबल का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 के आखरी मन की बात कार्यक्रम में की. दरअसल कौशांबी में टेंवा स्थित जिला जेल में कैदियों के साथ ही जेल प्रशासन के अधिकारी भी खुशी से गदगद हैं. उन्हें यहाँ के कैदियों के काम पर आज फर्क महसूस हो रहा है.
कौशांबी जेल के कैदियों द्वारा गोवंश के लिए बनाए गए कंबलों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की. प्रधानमंत्री ने यहां का जिक्र किया तो जेल के कैदियों के साथ-साथ जिला और जेल प्रशासन के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई. यहां कैदी गोदाम में रखे फटे पुराने कंबलों को पॉलीथिन लगाकर सिलते है. यही कंबल ठंड में बेहाल उन बेसहारा मवेशियों को पहुंचाए जा रहे है. जो गो-आश्रय स्थलों में रखे गए है.
बेजुबानों को ठंड से बचाने की जेल में चलाई गई है मुहिम
– फटे पुराने कंबलों की सिलाई कर नया आकार दे रहे बंदी व कैदी.
– जिले की गोशालाओं में पहुंचाए जाएंगे गर्म कपड़े.
सैकड़ों कपड़े जनपद की गोशालाओं में भेजवाए जाएंगे
कहावत है कि प्राश्यचित करने से पाप धुलते हैं. इसे साकार करने के उद्देश्य से जिला कारागार में बंदियों व कैदियों ने नई पहल की शुरुआत की है. अपने फटे-पुराने कंबलों को एकत्रित करने के बाद उनकी सिलाई कर उसे तिरपाल में भरकर बेजुबान मवेशियों के लिए गर्म कपड़े तैयार कर रहे हैं. जल्द ही सैकड़ों कपड़े जनपद की गोशालाओं में भेजवाए जाएंगे. जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने इसके लिए उच्चाधिकारियों से भी पत्र व्यवहार किया.
50 से अधिक गर्म कपड़े तैयार किए
जिला कारागार में काफी समय से बंदी व कैदियों में सुधार की भावना उत्पन्न करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जाते हैं. कभी पढ़े-लिखे बंदियों या कैदियों के जरिए अनपढ़ों को शिक्षित करने और कभी रोजगार से जोडऩे के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, सुबह-शाम धार्मिक कार्यक्रम भी जेल में अक्सर आयोजित होते रहते हैं. अब इन दिनों बंदियों व कैदियों ने अपने पाप धुलने के लिए बेजुबान मवेशियों की मदद के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए हैं. अब तक 50 से अधिक गर्म कपड़े तैयार कर लिए गए हैं. बंदियों व कैदियों का कहना है कि दो से ढाई सौ कंबल और हैं, जिनकी सिलाई शीघ्र ही हो जाएगी.