श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने ट्वीट करते इस बात की जानकारी दी। महबूबा मुफ्ती को पिछले साल अगस्त में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर हिरासत में ले लिया गया था।
Ms. Mehbooba Mufti being released @dipr
— Rohit Kansal (@kansalrohit69) October 13, 2020
मुफ्ती ने कहा- हक वापस लेना होगा
महबूबा मुफ्ती ने हिरासत से रिहा होने के बाद 1.23 मिनट का ऑडियो जारी किया। ऑडियो में उन्होंने कहा ‘मैं आज एक साल से ज्यादा अर्से के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 के काले दिन का काला फैसला हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा। मुझे अहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी। हममें से कोई भी शख्स उस दिन की डाकाजनी और बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता।’
‘हम सबको इस बात को याद करना होगा कि दिल्ली दरबार ने पिछले साल 5 अगस्त को गैर-आइनी, गैर-जम्हूरी, गैर-कानूनी से जो हक छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। उसके साथ-साथ मसले कश्मीर जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर के हजारों लोगों ने अपनी जान न्योछावर कीं, उसको जारी रखने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी। मैं मानती हूं कि यह रहा कतई आसान नहीं होगी। लेकिन मुझे यकीन है कि हम सबका हौसला और अजम ये दुश्वार रास्ता तय करने में मॉविन होगा। आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने लोग मुल्क के मुख्तलिफ जेलों में बंद हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।’
After being released from fourteen long months of illegal detention, a small message for my people. pic.twitter.com/gIfrf82Thw
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
महबूबा को 4 अगस्त 2019 को लिया गया था हिरासत में
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से एक दिन पहले 4 अगस्त की रात को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद से ही वे नजरबंद थीं। 6 फरवरी को महबूबा की हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले ही उन पर पब्लिक सेक्युरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद उनकी नजरबंदी की अवधि बढ़ा दी गई थी।
आठ महीने में चार बार बदला गया नजरबंदी का स्थान
बता दें कि आठ महीने में चार बार महबूबा को नजरबंद रखने का स्थान बदला गया था। सबसे पहले उन्हें श्रीनगर के हरि निवास गेस्ट हाउस में रखा गया था। दूसरी बार उन्हें चश्मा शाही इलाके में पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउस भेज दिया गया था। इसके बाद से उन्हें श्रीनगर के ही ट्रांसपोर्ट यार्ड के सरकारी क्वार्टर में रखा गया था। चौथी बार उन्हें अस्थाई जेल से किसी दूसरे स्थान पर भेजा गया।
फारूक और उमर अब्दुल्ला भी हो चुके हैं रिहा
महबूबा जम्मू-कश्मीर की अकेली ऐसी बड़ी नेता रही, जिन्हें अभी तक नजरबंद रखा गया था। उनके साथ ही हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा चुका है। फारूक को 15 मार्च को रिहा किया गया था वहीं उमर को इसके 10 दिन बाद 25 मार्च को रिहा किया गया था। रिहाई के बाद उमर ने सभी नेताओं की नजरबंदी खत्म करने की मांग की थी।