लखनऊ । आज भारतीय महिला फेडरेशन व एपवा के संयुक्त तत्वावधान में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बस्तौली अंबेडकर नगर प्रतिमा के पास हाथों में समर्थन की तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया गया, तथा सरकार द्वारा जारी क़ृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई । इस प्रदर्शन में सामाजिक कार्यकर्ता नाइश हसन भी शामिल हुईं ।
उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के कारण ही हमारी रसोई में अनाज आता है । इसलिए आज हमारा अन्नदाता कड़कड़ाती ठंड में सड़कों पर आंदोलनरत है तो हम महिलाएं भी उनके संघर्षों में शामिल हैं।
एडवा की मधु गर्ग ने कहा कि सरकार के काले कानूनों का आम जनता विशेषकर महिलाओं के जीवन पर बहुत बुरा असर होगा। इन कानूनों के कारण जमाखोरी बढ़ेगी , मुनाफाखोर कंपनियों के कारण कोटे से मिलने वाला राशन भी बंद होगा। ठेका खेती किसानों को अपने ही खेत में मजदूर बना देगी ।
महिला फेडेरेशन की कांति मिश्रा ने आह्वान किया कि हम जहां भी हैं वहीं से हमें किसानों को समर्थन देना चाहिए ।
ऐपवा की मीना सिंह ने बिल्किस दादी को पुलिस के द्वारा हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा की और कहा की मोदी सरकार किसानो के आंदोलन से इस कदर डर गई की 80 वर्षीय दादी को भी हिरासत में लेने से बाज नहीं आ रही है । उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों पर रहम और किसानों का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । आज के कार्यक्रम में सुमन सिंह, सुशीला , रूपरानी , चंद्रा वर्मा , दीप्ति मिश्रा आदि लोगों की उपस्थिति प्रमुख रही ।