गाजियाबाद: जिले के दो निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों का इलाज शुरू किए जाने के बाद से पिछले 8 दिन में 50 persent स्टाफ नौकरी छोड़कर चले गये है। गाजियाबाद में कोरोना काल के संकट के बीच सटाफ का नौकरी छोड़ कर जाना अस्पताल प्रबंधको पर भारी पड़ रह है।
जानिए क्यों छोड़ी, स्टाफ ने नौकरी
अस्पताल के सीईओ डॉ. शरद अग्रवाल ने बताया कि उनकी ओर से जून से कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। उनके पास 50 डॉक्टर, 40 स्टाफ नर्स और अन्य सफाई कर्मचारी थे। शुरुआत में सभी डॉक्टर कोविड मरीजों के इलाज के लिए राजी हो गए थे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे डॉक्टर और नर्स नौकरी छोड़कर जाने लगे। अब केवल 29 डॉक्टर और 20 नर्स हैं।
जानकारी के अनुसार, वसुंधरा में स्थित ली-क्रेस्ट और वैशाली के नय अस्पताल को केवल कोविड-19 संक्रिमित मरीजों के लिए चुना गया है। प्रशासन की ओर से दोनों अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए अनुमति दी गई है।ली-क्रेस्ट अस्पताल में 250 बेड में से 100 बेड कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व किया है।