प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से भगवा रंग पर विवाद गरमा गया है. कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता “नंदी” ने बहादुरगंज स्थित अपने आवास की गली को पूरे भगवा रंग से रंगवा दिया है. एक बार फिर इसी को लेकर विवाद हो गया है.
बहादुरगंज के एक रिटायर पशु चिकित्सक द्वारा पोताई करने वालों पर जबरन गली के घरों को रंगने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए इलाके की कोतवली में एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं एक अन्य शख्स ने बहादुरगंज में मंत्री के रिश्तेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
घर को भगवा रंग से रंगने की कोशिश
चिकित्सक द्वारा दी गई तहरीर में आरोप है कि पोताई वाले, अभिलाषा गुप्ता और नन्द गोपाल के बुलाने पर इलाके में आए थे. इससे पहले भी एक बार उनके घर को भगवा रंग से रंगने की कोशिश की गई थी, तो उन्होंने मना कर दिया था. जिसके बाद 12 जुलाई को फिर कुछ लोग वहां पहुंचे और उनके घर को जबरन गेरुआ रंग से पोत दिया गया. इसका विरोध करने पर उन्हें मारा-पीटा गया और उनकी पत्नी सुनीता श्रीवास्तव से भी बदसलूकी की गई.
मंत्री को एफआईआर की जानकारी नहीं
वहीँ इस मामले पर कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता “नंदी” का कहना है कि उन्हें एफआईआर दर्ज होने की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग द्वेषवश उनकी छवि को धुल में मिलाने की कोशिश कर रहें हैं और इस मौके पर राजनीति कर रहे हैं. जहां तक भगवा रंग में पोताई कराने का आरोप है तो यह गलत है, क्योंकि रंग भगवा नहीं बल्कि चाकलेटी और पीला है. इसका एकमात्र उद्देश्य मोहल्ले को साफ और सुन्दर बनाना है. कुछ लोगों को यह सुंदरीकरण रास नहीं आ रहा है इसलिए वे दुष्प्रचार कर रहे हैं.’
शौचलाय तक को भगवा रंग में रंगा गया था
बता दें कि इससे पहले भी उत्तर प्रदेश में कई सरकारी इमारतों और स्कूलों तक को भगवा रंग में रंग दिया गया था. वहीँ इसी क्रम में हमीरपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बने शौचलाय तक को भगवा रंग में रंगा गया था. हालात यह हो गए थे कि कुछ लोग जिन्हें इसकी जानकारी नहीं थी वे उसे मंदिर समझकर उसके सामने सिर झुकाने लगे थे.