लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तिलक तराजू वाले बयान को झूठा बताते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की जातिवादी कार्यशैली से दुखी होकर ब्राह्मण समाज उनकी पार्टी से जुड रहा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए व्यक्तव्य के तुरंत बाद मायावती ने एक के बाद एक चार ट्वीट कर कहा कि बीजेपी द्वारा केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है और न ही उन्हें जुल्म-ज्यादती से निजात मिलने वाला है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शों पर चलकर सरकार चलाने से ही यह सब सम्भव हो सकता है, जिसपर यह सरकार चलती हुई नजर नहीं आ रही है.
1.बीजेपी द्वारा केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है और न ही उन्हें जुल्म-ज्यादती से निजात ही मिलने वाला है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शों पर चलकर सरकार चलाने से ही यह सब सम्भव हो सकता है, जिसपर यह सरकार चलती हुई नजर नहीं आ रही है।
— Mayawati (@Mayawati) August 22, 2020
उन्होंने कहा कि खासकर ब्राह्मण समाज के प्रति बीजेपी की जातिवादी कार्यशैली से दु:खी होकर अब इस पार्टी से अलग होकर व बीएसपी में जुड़ते हुए देखकर इन्हें यह कह रहे हैं कि तिलक, तराजू की बात करने वाले अब परशुराम की बात कर रहे हैं। लेकिन यह समाज काफी बुद्धिमान है। इनके बहकावे में नहीं आयेगा.
बसपा प्रमुख ने कहा कि जग-जाहिर तौर पर तिलक, तराजू आदि की बात बीएसपी ने कभी नहीं कही और ना ही बाबरी मस्जिद के स्थान पर कभी शौचालय बनाने की भी बात कही है. ये सब घृणित आरोप विरोधियों ने केवल बीएसपी को नुकसान पहुंचाने के लिए इन्हें जबरन हमारी पार्टी से जोड़ दिया है, जो अति-निन्दनीय
उन्होने आगे कहा कि यदि इस आरोप में थोड़ी भी सत्यता होती तो फिर बीएसपी अपनी पिछली सरकार में खासकर ब्राह्मण समाज के विधायकों को बड़ी संख्या में मन्त्री व अन्य उच्च पदों पर क्यों रखती? वैसे यह समाज सब कुछ जानता है. वे बिल्कुल गुमराह नहीं होंगे. पार्टी को इन पर पूरा भरोसा है.