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यूपी: पत्रकार को पहले लाठी-डंडे से पीटा और फिर गोली मार दी

बलिया: उत्तर प्रदेश  में बढ़ते अपराधों का सिलसिला कम होने का नाम नही ले रहा है। योगी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी यूपी में अपराध बढ़ते जा रहे है। एक तरफ जहां आम जनता इन अपराधों से परेशान है तो वही दूसरी तरफ विपक्ष भी इन अपराधों को लेकर सरकार को निशाना बना रही है।  हाल ही में गाज़ियाबाद के एक पत्रकार कि गोली मारकर हत्या कर दी गई थी,  ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के दूसरे जिले बलिया का हैं जहां एक बार फिर कुछ लोगों ने मिलकर एक पत्रकार की हत्या को अंजाम दिया है। जिसे लेकर योगी सरकार की कानून  व्यवस्था पर सवालिया निशान उठ खड़े हुए है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बलिया के फेफना गाँव  निवासी रतन सिंह एक निजी न्यूज़ चैनल में काम करते थे। 24 अगस्त की रात वह अपने काम से वापस  आ रहे थे। तभी 8-10 लोगों ने मिल कर उनपर लाठी-डंडे से हमला कर दिया,रतन सिंह जान बचाने के लिए पास के ही  प्रधान के घर में छिपने के लिए भागे लेकिन तभी बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

यूपी: पत्रकार को पहले लाठी-डंडे से पीटा और फिर गोली मार दी

पुलिस ने बताया पुरानी रंजिश के चलते हुई हत्या

पुलिस ने इसे पुरानी  रंजिश में की गई हत्या बताया। पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि,”10 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, इनमें से छह की गिरफ्तारी की जा चुकी है. घटना का कारण 26 दिसंबर 2019 के दिन दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट है. उस वक्त दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी। वर्तमान घटना में शामिल पांच आरोपियों का पहले की घटना में भी नाम था. दूसरे पक्ष के दिनेश सिंह ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी, उसमें रतन सिंह के ऊपर भी आरोप लगाए थे, जांच में जिनकी नामजदगी गलत पाई गई थी। उस मामले के संबंध में प्रभावी कार्रवाई न करने और लापरवाही बरतने के कारण प्रभारी निरीक्षक फेफना को निलंबित कर दिया गया है।”

डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG)आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे ने  बताया कि यह मामला ज़मीनी विवाद का है इसका पत्रकारिता से कोई संबंध नही है,दोनों पक्षों के बीच  24 अगस्त को  लड़ाई हुई थी उन्होंने कहा, “ज़मीन पर पहले से ही पुआल रखा हुआ था, जिस पर लाकर आरोपी पक्ष की तरफ से भूसी रख दी गई थी। मृतक पक्ष की तरफ से अपनी ज़मीन बताते हुए उस भूसी को वहां से हटाया गया, जिसके बाद विपक्षी ने पुआल को तितर-बितर कर दिया। इस कड़ी में दोनों पक्षों में वहां पर लड़ाई हुई, जिसके क्रम में चली गोली में पत्रकार रतन सिंह की मौके पर मृत्यु हो गई।”

विपक्ष ने ट्वीट कर जताई नाराज़गी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मामले को लेकर नाराज़गी जताते हुए ट्वीट कर कहा कि, “उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी काल में भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया जगत के लोग भी यहां आए दिन हत्या व जुर्म के शिकार हो रहे हैं। आजमगढ़ मंडल में हुई पत्रकार की हत्या इसका ताजा उदाहरण है।”

तो वहीँ कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी ने भी उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर सरकार को आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा,“यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है। प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम् ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है। यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है।”