नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हांगकांग में कोरोना से स्वस्थ हो चुके व्यक्ति के दोबारा संक्रमित होने के मामले को लेकर वह सतर्क है. यह जानकारी वैक्सीन विकसित कर रहे वैज्ञानिकों के लिए बेहद अहम होगी. संगठन के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि यह पहला स्पष्ट वाकया है कि दोबारा संक्रमण भी हो सकता है. लेकिन अभी यह संख्या बेहद कम है. विश्व में दो करोड़ 30 लाख संक्रमित मरीजों में पहला ऐसा मामला सामने आया है.
बता दे कि इससे वैज्ञानिक यह पता लगा पाएंगे कि वायरस को लेकर प्रतिरोधी क्षमता कितने वक्त तक रहती है. इस मामले में और ज्यादा मामले सामने आने के बाद गंभीरता बढ़ेगी. हैरिस ने कहा कि वैक्सीन के प्रति मजबूत प्रतिरोधी क्षमता की जरूरत होगी.
कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने का पहला साक्ष्य
दरअसल, हांगकांग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें एक व्यक्ति के कोविड-19 के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने का पहला साक्ष्य मिला है. सूक्ष्मजीवी वैज्ञानिक डॉ केलविन काई वांग टो ने कहा कि आनुवंशिक परीक्षणों में सामने आया है कि अगस्त मध्य में स्पेन की यात्रा से हांगकांग लौटे 33 वर्षीय एक व्यक्ति में कोरोना वायरस का अलग रूप देखने को मिला है. जबकि मार्च में संक्रमण की चपेट में आने के दौरान उसमें यह वायरस अन्य प्रकार का था.
पहली बार व्यक्ति में हल्के लक्षण थे जबकि दूसरी बार उसमें कोई भी लक्षण नहीं हैं. हांगकांग हवाईअड्डे पर स्क्रीनिंग एवं जांच के दौरान उसके संक्रमित होने का पता चला. कहा कि यह दिखाता है कि कुछ लोगों में वायरस के प्रति जीवनपर्यंत प्रतिरोधक क्षमता नहीं होती है.