लखनऊ। वैसे तो 2020 लोगों के लिए मनहूस सही साबित हुआ है। क्योंकि एक तरफ कोरोना वायरस है जो लगातार अपनी आगोश में लोगों को लेता जा रहा है। तो वही दुसरी ओर बारिश का कहर है। उत्तर प्रदेश के लिए बाढ़ बड़ी मुसीबत बन गयी है। अवध क्षेत्र में नदियां बेकाबू हो गयीं हैं। फर्रूखाबाद में लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो गए है। बाढ़ का पानी गांवों में घुस चुका है। सड़कों पर भी पानी ही पानी है। गंगा और रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से ये आफत टूटी है। नदियों के किनारों पर बसे मकानों में खतरा मंडराने लगा है। लोग जान बचाने के लिए अपना आशियाना छोड़ने पर मजबूर हैं।
लखीमपुर खीरी में बाढ़ का कहर
वही लखीमपुर खीरी में बाढ़ से हालात बदतर हो गए है। पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश के बाद घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ऐसे में नदी की उफनती लहरों की वजह से किनारों पर काफी कटान हो रहा है। इसका असर वहां बसे घरों पर दिख रहा है।घाघरा नदी के पानी में हजारों एकड़ जमीन डूब गई है. जबकि बड़ी संख्या में लोगों को अपना घर-बार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।
घाघरा नदी का रिंग बांध टूटा
घाघरा नदी का रिंग बांध टूट गया है। यूपी के आजमगढ़ में घाघरा नदी पर बना रिंग बांध टूट जाने से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. करीब 100 मीटर तक बांध टूट जाने से नदी का पानी तेजी से रिहायशी इलाकों में भर रहा है. सैकड़ों एकड़ फसल भी बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो चुकी है. प्रशासन ने बांध की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है।
चंबल खतरे के निशान के ऊपर
धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस नदी के खतरे का निशान 129.79 मीटर है. पानी का स्तर 134.20 मीटर तक पहुंच चुका है. यानि खतरे के निशान से करीब साढ़े चार मीटर उपर. इससे हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है. कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. उनका संपर्क भी कट गया है. रविवार को ही गांधीसागर बांद से चंबल नदी में पानी छोड़ा गया था. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि करीब 70 गांवों में संकट गहरा सकता है।
गंडक नदी का कहर
बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी का कहर करीब डेढ़ महीने से जारी है. अब तक जिले की बड़ी आबादी बाढ़ के संकट से जूझ रही है. हालात ये हैं कि लोगों को अभी भी सुरक्षित ठिकानों पर ही जीवन गुजारना पड़ रहा है. क्योंकि उनके घरों से बाढ़ का पानी कम नहीं हो रहा. हालात ये हैं कि लोग सड़क पर ही आशियाना बनाकर दिन काट रहे हैं. अभी तक प्रशासन की ओर से इन्हें मदद नहीं मिला है।
खटिया पर गर्भवती ने नदी को किया पार
छिंडवाड़ा जिले में भी बाढ़ से हालात बदतर हैं। वहां एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी तो लोगों ने उसे खटिया की मदद से नदी पार कराया. फिर उसे उस्पताल पहुंचाया गया. इलाके के लोगों के लिए और कोई दूसरा साधन नहीं जिससे वे नदी को पार कर पाएं. पुल पानी में डूबे हुए हैं. गाड़ियों की आवाजाही बंद है। यहां कोई मदद नहीं पहुंच रही है।