नई दिल्ली: फेसबुक पोस्ट विवाद में कांग्रेस के बाद अब तृणमूल कांग्रेस ने भी फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिखी है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने चिट्ठी में लिखा कि भाजपा और फेसबुक के बीच कोई लिंक है। ब्रायन ने आगे लिखा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव होने में अभी कुछ ही महीने हैं, आपकी कंपनी ने बंगाल में फेसबुक पेज और अकाउंट्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। यह इसी कड़ी की तरफ इशारा करता है।
सार्वजनिक तौर पर हैं कई सबूत
ब्रायन ने भाजपा और फेसबुक पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों की मिलीभगत के सार्वजनिक तौर पर कई सबूत हैं। इनमें आपकी कंपनी के इंटरनल मेमो भी शामिल हैं। कुछ साल पहले, मैंने आपसे इनमें से कुछ मुद्दों पर चिंता जताई थी। भारत में फेसबुक प्रबंधन के खिलाफ इन गंभीर आरोपों की जांच के मामले में पारदर्शिता रखने की अपील की थी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी लिखी थी चिट्ठी
एक तरफ जहां कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस बीजेपी और फेसबुक की मिलीभगत का आरोप लगा रही है तो वहीं बीते मंगलवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर फेसबुक के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, ‘आपके कर्मचारियों ने मोदी सरकार के अधिकारियों को अपशब्द कहे और यह ऑन रिकॉर्ड है।’
प्रसाद ने आगे कहा कि ‘आपकी कंपनी के भीतर से ही चुनकर चीजों को लीक किया जा रहा है, ताकि एक वैकल्पिक झूठ को खड़ा किया जा सके। अंतरराष्ट्रीय मीडिया और फेसबुक कर्मचारियों का एक ग्रुप बदनीयती रखने वालों को हमारे देश के महान लोकतंत्र पर कलंक लगाने की खुली छूट दे रहा है।’
कांग्रेस कर सकती है कानूनी कार्रवाई
इससे पहले भी फेसबुक हेट स्पीच मामले में कांग्रेस ने पिछले एक महीने में दो बार लेटर लिख चुकी है। कांग्रेस ने चिट्ठी में कहा था कि हेट स्पीच मामले में लगाए गए आरोपों पर आप क्या कदम उठाने जा रहे हैं और क्या उठाए गए हैं।
कांग्रेस ने कहा था कि हम भारत में इस मामले पर कानूनी सलाह ले रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक विदेशी कंपनी देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान न पहुंचा सके।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 29 अगस्त को ट्वीट कर कहा था कि, “टाइम ने वॉट्सऐप और भाजपा की साठगांठ का खुलासा किया है। 40 करोड़ भारतीय यूजर वाला वॉट्सऐप पेमेंट सर्विस भी शुरू करना चाहता है, इसके लिए मोदी सरकार की मंजूरी जरूरी है। इस तरह वॉट्सऐप पर भाजपा के नियंत्रण का पता चलता है।” टाइम की रिपोर्ट में कहा गया था कि फेसबुक भाजपा नेताओं के मामलों में भेदभाव करती है। वॉट्सऐप भी फेसबुक की कंपनी है।”
अमेरिका की टाइम मैगज़ीन ने WhatsApp-BJP की साँठ-गाँठ का खुलासा किया:
40 करोड़ भारतीय WhatsApp इस्तेमाल करते हैं और अब WhatsApp चाहता है कि उससे पैसों का भुगतान भी किया जाए। इसके लिए मोदी सरकार की स्वीकृति की ज़रूरत है।
इसलिए, BJP की WhatsApp पर पकड़ है।https://t.co/ahkBD2o1WI
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 29, 2020