नई दिल्ली: भारत में सदियों से मलेरिया जैसी महामारी का प्रकोप चला आ रहा है. मलेरिया महामारी का विवरण प्राचीन भारतीय चिकित्सा साहित्य जैसे अथर्ववेद में पाया जा सकता है. भारत ने 2030 तक मलेरिया से सम्पूर्ण रूप से राहत पाने का लक्ष्य तय कर लिया है.
जिन लोगों को मलेरिया होता है उन्हें आम तौर पर तेज़ बुखार और कंपकंपी के साथ बुखार आता है. बीमारी से मरने वाले ज़्यादातर लोग अफ्रीका में रहने वाले छोटे बच्चे हैं. मलेरिया का वक़्त पर इलाज़ होना ज़रूरी है. आईए आज हम मलेरिया क्या है, कैसे फैलता है और उसके लक्षण क्या है.
मलेरिया क्या है
मलेरिया प्लासमोडियम परजीवी की वजह से होता है और परजीवी संक्रमित मादा एनोफेलीज मच्छरों के काटने से लोगों में विशेष रूप से फैलता है. यह मलेरिया वेक्टर कहलाता है। इसकी पांच परजीवी प्रजातियां होती हैं जिससे मनुष्य को मलेरिया होने का ख़तरा होता है. इसमें से दो प्रमुख प्रजातियों पी फाल्सीपेरम और पी विवक्स से मुख्य रूप से खतरा होता है.मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है और आमतौर पर संक्रमित एनोफेलीज मच्छर के काटने से फैलता है. जब यह मच्छर काटता है तो परजीवी आपके रक्त प्रवाह में चला जाता है. कई दिनों के पश्चात यह परजीवी रक्त प्रवाह में प्रवेश करते है और लाल कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं.
कैसे फैलता है मलेरिया
मैक्स वैशाली अस्पताल के डॉ. पंकजनंद चौधरी का कहना है. कि मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर द्वारा काटे जाने से होता है. केवल एनोफिलीज मच्छर मलेरिया का संचार कर सकते हैं जो पिछले किसी व्यक्ति के रक्त भोजन से संक्रमित हुए होंगे. जब एक मच्छर एक संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो एक छोटी मात्रा में रक्त लिया जाता है जिसमें सूक्ष्म मलेरिया परजीवी होते हैं.
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के दस से पंद्रह दिनों के बाद दिखाई देते हैं. अगर संक्रमण के चौबीस घंटो के भीतर इलाज नहीं किया जाता है तो कभी यह प्लासमोडियम फाल्सीपेरम गंभीर मलेरिया का रूप ले लेती है, जो अक्सर मौत का कारण भी बन सकता है.इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है तेज़ बुखार, पसीना आना, जी मचलना, उलटी, पेट में दर्द, दस्त, मांसपेशियों में भीषण दर्द आदि.
निष्कर्ष
भारत सरकार ने मलेरिया को जड़ से हटाने में पुरज़ोर मेहनत की है और नतीजे हमारे सामने हैं. विशेषज्ञ डॉ. सी.एम गुरि का कहना है इस के साथ ही हमे भी मलेरिया जैसे संकट से सावधानी बरतनी चाहिए और अपने घर के आस-पास सफाई रखनी चाहिए. मछरदानियों का रात में सोते वक़्त इस्तेमाल और एंटी मॉस्क्वीटो क्रीम का उपयोग करना चाहिए. भारत ने मलेरिया के प्रकोप को काफी काम कर लिया है और ऐसे कई प्रोग्राम और अभियान लागू किए गए है. शीघ्र ही भविष्य में इस महामारी से मुक्ति हमें मिल जाएगी.