बिहार। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने दलित वोटरों को लुभाने के लिए कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि अनुसूचित जाति -जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीडि़त परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए तत्काल नियम बनाएं। अनुसूचित जाति-जनजाति की विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर से इसकी समीक्षा करें।
नीतीश कुमार ने बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबित मामलों को 20 सितंबर तक निपटाने के आदेश दिए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, कुमार ने अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा को मामलों के त्वरित निपटान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहने का भी निर्देश दिया।
वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।इस दौरान, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज और आलोक कुमार सुमन के अलावा विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सभी एससी-एसटी परिवारों को घर के लिए जमीन
नीतीश कुमार ने कहा कि राशन कार्ड वितरण, बिना जमीन वाले सभी एससी-एसटी परिवारों को घर के लिए जमीन देना, उनका आवास निर्माण जैसे कामों में तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि डीजीपी, सभी थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा थानावार करें। नीतीश ने कहा कि इस समुदाय के कल्याण के लिए हर जरूरी कार्य किये जा रहे हैं। उनको मुख्य धारा में जोड़ने के लिए अन्य संभावनाओं, योजनाओं पर भी विचार किया जाए। इनके उत्थान से ही समाज का उत्थान होगा।
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