लखनऊ। अगर कोई सन्यासी है तो उसका मतलब क्या होता जो व्यक्ति मोह – माया छोड़कर वैराग्य जीवन धारण करना क्या होता है, ये आप योगी आदित्यनाथ के परिवार के लोगो से पूछो। अगर आज के समय में कोई व्यक्ति विधायक या सांसद तो दूर की बात पंचायत का सचिव भी बन जाता हैं तो सबसे पहले अपने का घर का विकास देखता हैं और करने की सोचता हैं। लेकिन योगी ने जबसे अपना घर छोड़ा तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज भी योगी आदित्यनाथ के परिवार के लोग वहां के वही हैं। उनकी बहन आज भी एक मंदिर के सामने फूल – माला, चाय बिस्किट आदि बेचकर अपना जीवन यापन करती हैं ।
योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरक्षनाथ पीठ जैसे प्रख्यात मंदिर के महंत और पांच बार सांसद और अब मुख्यमंत्री होने के बाद भी उनका परिवार उसी हाल में है, जैसे कि पहले था। सांसद और मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी उन्होंने अपने परिवार को मालामाल नहीं किया हैं। उनका परिवार आज भी उसी हाल में हैं जैसा पहले था। योगी अपने जीवन में त्याग और ईमानदारी की मिसाल पेश करते हैं।
उत्तरप्रदेश के सीएम योगी ऐसे तमाम तथाकथित राजनीतिज्ञों को आइना भी दिखाते है। योगी आदित्यनाथ चार भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। योगी की तीन बहनों में से सबसे छोटी बहन शशि ऋषिकेश से लगभग 30 किलोमीटर ऊपर जंगलों में झोपड़ीनुमा दुकान चलकर अपना जीवन यापन कर रही हैं।
आज भी मंदिर के सामने चाय-बिस्कुट और फूल बेचती हैं CM की बहन
शशि नीलकंठ मंदिर से ऊपर पार्वती मंदिर के पास प्रसाद, फूल माला और बिस्कुट बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रही हैं। वैसे तो योगी आदित्यनाथ की दो बहनें ठीक-ठाक परिवार में हैं, सिर्फ शशि को ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बहन का कहना है – आज से 30 साल पहले जब योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड के पंचूर गांव में रहते थे तो पूरा परिवार हर त्यौहार को एक साथ मिलकर मनाता था। लेकिन योगी जब से घर छोड़ा तब उन्होंने परिवार को भी छोड़ दिया।
CM योगी को 23 साल से नहीं बांधी राखी
सीएम योगी की बहन शशि का कहना है कि ”बचपन में रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन वह अपने चारों भाइयों को सामने बैठाकर राखी बांधती थीं और उपहार के नाम पर योगी आदित्यनाथ उर्फ़ अजय बिष्ट उनसे यही कहा करते थे कि अभी तो फिलहाल में कुछ नहीं कमा रहा हूं, लेकिन जब बड़ा हो जाऊंगा तो तुम्हें खूब सारे उपहार दूंगा। वहीं, अजय बिष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ बचपन में राखी के त्यौहार पर अपने पिता से पैसे लेकर अपनी तीनों बहनों को दिया करते थे। शशि बताती हैं कि पैसे देने के बाद योगी आदित्यनाथ पिता के चले जाने के बाद उनसे वही पैसे दोबारा मांगा करते थे।” हर भाई की तरह योगी भी नटखट थे और अपनी बहनो बहनों से प्यार करते थे। बहन का कहना है कि कलाई पर राखी न बांध पाने का हर बार मलाल रहता है।
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