वाराणसी: सोमवार को भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ को आम जनता के लिए खोल दिया गया। कोरोना संकट को देखते हुए पुरातात्विक स्थल को देखने के लिए ई-टिकटिंग की व्यवस्था की गई है। आने वाले पर्यटकों की डिटेल भी नोट हो रही है। गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। लोगों के बीच दूरी बनी रहे, इसके लिए सुरक्षा घेरा बनाया गया है। बता दें कि सारनाथ वह जगह है जहां पहली बार भगवान बुद्ध ने पहली बार अपने चार शिष्यों को शांति का उपदेश दिया था। इस कारण सारनाथ बौद्ध अनुयायियों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है।
कोरोनाकाल में 600 करोड़ का हुआ नुकसान
आम तौर पर यहां सबसे अधिक विदेशी पर्यटकों की संख्या यहां होती है। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि इसके ख्रुल जाने से पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। वाराणसी टूरिज्म एसोसिएशन के महानगर अध्यक्ष प्रणय रंजन सिंह ने बताया कि लॉकडाउन और अनलॉक में करीब 600 करोड़ के टर्न ओवर का नुकसान ट्रेवल, होटल, टेक्सटाइल समेत अन्य इंडस्ट्रियों को केवल टूरिज्म की वजह से हुआ है। 2019 में वाराणसी में इन तमाम इंडस्ट्रियों ने करीब 1200 करोड़ का टर्न ओवर किया था।
पुरातात्विक परिसर को पर्यटकों के लिए खोला गया

सारनाथ स्थित म्यूजियम, चौखंडी स्तूप, सीता रसोई, धम्मेखा स्तूप, मूलगंध कुटीर विहार को चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी है। अभी इन्हें दूर से ही देखा जा सकता है। सारनाथ पुरातात्विक परिसर घूमने के लिए आने वाले लोगों को ई-टिकट लेना पड़ रहा है। हले सारनाथ मार्ग पर 40 से ऊपर छोटे बड़े क्राफ्ट, कपड़े, फूड समेत तमाम स्टाल दिखाई पड़ते थे। लेकिन आज भी यहां सन्नाटा पसरा है। लेकिन उम्मीद लगाई जा रही है कि स्तिथि जल्द समान्य हो जाएँगी।