लखनऊ। करीब 34 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति की शुरुआत हो चुकी है। सरकार के इस फैसले का जहां एक ओर लोग स्वागत कर रहे, तो वहीं दूसरी ओर सरकार के इस फैसले में कई तरह की खामियां नज़र आ रही हैं। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर कई इंटेलेक्चुअल्स अपनी-अपनी राय रख रहे हैं।
इस क्रम में सोमवार को राजधानी लखनऊ में प्रोफेसर्स ने वेबिनार के जरिए नई शिक्षा नीति पर अपने अपने विचार और अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी थी। ये 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जो 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 की जगह लेगी।
पीजी कॉलेज के प्रोफेसर्स ने एक वेबिनार का आयोजन
इसी नई शिक्षा नीति के प्रारूप, रूपरेखा और उद्देश्यों को लेकर लखनऊ के जय नारायण पीजी कॉलेज के प्रोफेसर्स ने एक वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार की शुरुआत वाणिज्य संकाय के फैकल्टी इंचार्ज प्रो. डॉ. के.के. शुक्ला ने की।इस वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. जे बी वैशंपायन और इंस्टिट्यूट ऑफ बिज़नस मैनेजमेंट, कानपुर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. सुधांशु पांडेय मौजूद रहे। इनके अलावा जेएनपीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नागेश्वर पांडेय, वाईस प्रिंसिपल डॉ. अरुण मिश्रा, कन्वेनर डॉ. अजय शुक्ला, को-कन्वेनर डॉ. बलवंत सिंह ने भी नई शिक्षा नीति को लेकर अपने अपने विचार साझा किए।

प्रो. जे वी वैशंपायन ने नई शिक्षा नीति 2020 के पॉलिसी डॉक्यूमेंट पर चर्चा करते हुए प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तंत्र पर विचार किया। उन्होंने अपने शैक्षिक अनुभव के आधार पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया। इसके अलावा प्रो. जेवी वैशंपायन ने परीक्षाओं को तर्कसंगत बनाने के लिए सतत मूल्यांकन आधारित परीक्षा प्रणाली अपनाने पर बल दिया। वहीं, डॉ. सुधांशु पांडेय ने वोकेशनल और टेक्निकल एजुकेशन को बढ़ावा देते हुए नई शिक्षा नीति 2020 को सरकार का सराहनीय कदम बताया।
रीजनल लेवल पर विभिन्न प्रकार के आयोज
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया डेवलपमेंट प्रोग्राम में अभी और सुधार की जरूरत है। उन्होंने नई शिक्षा नीति से संबंधित वोकेशनल और टेक्निकल एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए रीजनल लेवल पर विभिन्न प्रकार के आयोजन कर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता की तरफ इशारा किया। वैसे किसी भी देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम उस देश की शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। केंद्र सरकार ने देश में अब नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की है। उम्मीद है कि देश की शिक्षा व्यवस्था में अभूतपूर्व और सकारात्मक बदलाव होगा।
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