प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में एक बार फिर अनुशासन का डंडा चला है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक बड़ा ऐक्शन लेते हुए प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया। एसएसपी अभिषेक दीक्षित पर भ्रष्टाचार और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे, जिसके बाद सरकार ने उनके खिलाफ ऐक्शन लिया। इस संबंध में मंगलवार को सरकार के गृह विभाग की ओर से आदेश जारी करते हुए अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया गया है।
गृह विभाग के बयान की माने तो, अभिषेक दीक्षित पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगा था। इसके अलावा कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना कराने और 3 महीने में विवेचनाओं के लंबित होने के मामले में भी उनकी कार्रवाई पर सवाल उठे थे। ऐसे में सीएम ने जानकारी मिलने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया।
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी लेंगे अभिषेक की जगह
उधर प्रदेश सरकार ने मंगलवार शाम 6 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी हुए लखनऊ के डीसीपी सर्वेश्रेष्ठ त्रिपाठी तबादला कर उन्हें डीआईजी/एसएसपी प्रयागराज बनाया गया है। वहीं एटीसी सीतापुर में तैनात देवेश कुमार पांडेय को लखनऊ में डीसीपी के पद पर तैनाती दी गई है।
इससे पहले भी अचानक हटाया गए थे सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज
ऐसा पहली बार नही है कि योगी सरकार ने अचानक ही अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया हो। इससे पहले भी योगी सरकार ने बीते दिनों सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के स्थान पर प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया था। सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को भी पद से हटाया गया था। सरकार की दलील थी कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को कोरोना के संक्रमण के कारण पदमुक्त कर प्रतीक्षा सूची में डाला गया है। हालांकि उस दौरान प्रतियोगी छात्रों और विपक्षी दलों ने यह दलील दी थी कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने शिक्षक भर्ती कांड का खुलासा किया था, जिसके बाद उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया।