नई दिल्ली: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर को मनाया जा रहा है. इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) हर साल विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन करती है. आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए साल 2003 में इसे शुरू किया गया था. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को रोकना है.
आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े
आजकल लोगों में हताशा और निराशा बढ़ रही है. बढ़ते अवसाद के कारण आत्महत्या की प्रवृत्ति भी बढ़ी है. कोरोना काल में भी डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़े हैं. डिप्रेशन के कारण आत्महत्या के मामलों में भी तेजी से इजाफा हुआ है. बीते कुछ सालों में भारत ही नहीं दुनिया भर में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं.
40 सेकेंड में एक शख्स करता है आत्महत्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है. एक साल में करीब 8 लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं. जबकि सुसाइड की कोशिश करने वालों का आंकड़ा इससे भी ज्यादा है.
वॉकिंग टुगेदर टू प्रिवेंट सुसाइड थीम
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर साल अलग-अलग थीम पर मनाया जाता है. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2020 की थीम ‘वॉकिंग टुगेदर टू प्रिवेंट सुसाइड’ है. इसका अर्थ है कि आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए मिलकर आगे आना और इसे रोकने के लिए काम करना।