नई दिल्ली: सरसों का तेल, कनोला ऑयल, नारियल का तेल, एवेकाडो ऑयल, मूंगफली का तेल, ऑलिव ऑयल, अलसी का तेल, पामोलीन ऑय. लिस्ट बहुत लंबी है. खाने-पकाने के लिए तेल के बहुत सारे विकल्प हैं. मगर, कौन सा तेल सेहत के लिए सबसे अच्छा है? खाने और सेहत को लेकर फ़िक्रमंद लोग अक्सर इस सवाल से दो चार होते हैं.
मोनोसैचुरेटेड फैट और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट
खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल अक्सर उसके फल, पौधे, बीज या नट से तय होते हैं. इन्हें कुचलकर, दबाकर या प्रॉसेस करके निकाला जाता है. तेल की सबसे बड़ी ख़ूबी ये होती है कि उसमें फैट की मात्रा काफ़ी होती है. इसमें सैचुरेटेड फैट, मोनोसैचुरेटेड फैट और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड शामिल होते हैं.
कुछ वर्षों पहले तक नारियल के तेल को सेहत के लिहाज़ से सबसे अच्छा माना जाता था. कई लोगों ने तो इसे सुपरफूड घोषित कर दिया था. कुछ लोगों का दावा था कि इस तेल के वसा के रूप में शरीर मे जमा होने की संभावना बेहद कम थी. लेकिन, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च ने नारियल तेल को ‘विशुद्ध ज़हर’ क़रार दे दिया.
इसकी वजह ये है कि इंसान का शरीर बहुत ज़्यादा फैट नहीं पचा सकता और अधिक फैट हमारे शरीर में जमा होने लगता है. जो दिल की बीमारियां और ब्लड प्रेशर जैसी सेहत की समस्याएं पैदा करता है.
ब्रिटेन में सरकार की गाइडलाइन कहती हैं
किसी पुरुष को दिन भर में तीस ग्राम और महिला को बीस ग्राम से अधिक तेल नहीं खाना चाहिए. इसकी वजह भी समझिए. तेल में जो फैट होता है, वो फैटी एसिड के कणों से मिलकर बनता है. ये फैटी एसिड या तो सिंगल बॉन्ड से जुड़े होते हैं, जिन्हें सैचुरेटेड फैट कहते हैं. या फिर डबल बॉन्ड से जुड़े होते हैं, जिन्हें अनसैचुरेटेड फैट कहते हैं. जो फैटी एसिड छोटी श्रृंखला में बंधे होते हैं, वो ख़ून में सीधे घुल जाते हैं.
और शरीर की एनर्जी की ज़रूरत पूरी करते हैं. लेकिन, लंबी चेन वाले फैटी एसिड सीधे लिवर में जाते हैं. इससे हमारे ख़ून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है.
नारियल के तेल को लेकर हुई रिसर्च कहती है कि इससे हमारे शरीर में लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है. LDL का सीधा संबंध दिल के दौरे से पाया गया है. हालांकि नारियल के तेल से हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन भी मिलती है, जो ख़ून से LDL को खींच लेती है.
लाभदायक है ऑलिव ऑयल
जैतून को फोड़ कर उनके गूदे से ऑलिव ऑयल को निकाला जाता है. इसे सबसे सेहतमंद तेल कहा जाता है. जो हमारे पेट में पाए जाने वाले बैक्टीरिया के लिए भी अच्छा होता है. इससे दिल की बीमारियां कम होने की बातें कही जाती हैं. ऑलिव आयल खाने से कैंसर और डायबिटीज़ से बचाव के दावे भी किए जाते हैं.
स्पेन की वैलेंशिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर फ्रांसिस्को बार्बा कहते हैं कि, ‘जैतून के तेल में मिलने वाले फैटी एसिड और दूसरे तत्व हमें असंक्रामक बीमारियों से भी बचाते हैं. क्योंकि इसमें वो तत्व होते हैं, जिनकी हमारे शरीर की ज़रूरत होती है.’
विश्व की सबसे हेल्दी डाइट
भूमध्य सागर के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग ऑलिव ऑयल का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. इसे मेडिटेरेनियन डाइट का अटूट हिस्सा कहा जाता है. और मेडिटेरेनियन डाइट को विश्व की सबसे हेल्दी डाइट माना जाता है. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इस डाइट के हेल्दी होने की सबसे बड़ी वजह, जैतून का तेल ही है.
लेकिन, मार्टा का कहना है कि, ‘दुनिया के दूसरे इलाक़ों के मुक़ाबले भूमध्य सागर के इर्द गिर्द के खान पान में नट्स हैं, फल हैं और सब्ज़ियों की मात्रा भी ज़्यादा होती है. तो, हेल्थ के पैमानों पर मेडिटेरेनियन डाइट के अच्छा साबित होने के पीछे केवल ऑलिव ऑयल नहीं, बल्कि पूरा खान-पान है.