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श्राद्ध में खरीदारी की अब नहीं मनाही, 17 सितंबर तक ये शुभ योग

नई दिल्ली: ज्योतिष के मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ में खरीदारी के मुहूर्त बताए गए हैं. इसके अनुसार, श्राद्धपक्ष में खरीदारी करना अशुभ नहीं होता है. पितृपक्ष में व्यक्ति अपने पितरों की पूजा करता है. इससे पितृ खुश हो जाते हैं. यह बेहद शुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य मिश्र ने बताया है कि केवल श्राद्ध पक्ष में ही नहीं बल्कि सालभर में पितरों की तृप्ति के लिए कई खास दिन होते हैं जिस दिन उनका श्राद्ध किया जाता है. श्राद्धपक्ष मृत्यु या शोक से जुड़ा समय नहीं है. यह समय बल्कि पूजा-पाठ, दान और नियम-संयम से रहने का समय होता है.

श्राद्ध में शुभ और पवित्र कामों की मनाही नहीं है

ग्रंथों के अनुसार, पूर्वजों की संतुष्टि के लिए किया गया दान और पूजा-पाठ ही श्राद्ध कहलाता है. श्राद्ध के दिनों में शुभ और पवि‍त्र कामों का मनाही नहीं है. हर तरह के गलत काम से बचना चाहिए ना. श्राद्ध में शुभ और पवित्र कामों की मनाही नहीं है ऐसे में इन 16 दिनों तक खरीदारी की जा सकती है. किसी भी ग्रंथ में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि श्राद्धपक्ष में खरीदारी नहीं करनी चाहिए. पुराणों और स्मृति ग्रंथों में सिर्फ पितरों के लिए श्राद्ध की बात कही गई है.

श्राद्ध पक्ष में खरीदारी के लिए यह शुभ मुहूर्त

श्राद्ध पक्ष में खरीददारी करने के लिए सर्वार्थसिद्धि मुहूर्त 4 और 6 को था. वहीं, अब ये शुभ मुहूर्त 8, 9, 13, 14 और 15 सितंबर को है. इसके साथ ही त्रिपुष्कर योग 8 सितंबर को था. रवि पुष्य योग 13 सितंबर को एवं 2 रवियोग पड़ रहे है.

इसके अलावा मांगलिक कार्यों के लिए खरीदारी कभी-भी की जा सकती है. कई लोगों में इस तरह का भ्रम भी है कि श्राद्ध पक्ष में कपड़े, घर, गाड़ी आदि की खरीदारी करने से दोष लगता है. या इससे पितृ देव नाराज हो जाते हैं. शास्त्रों के मुताबिक, ये बातें आधारहीन है.