नई दिल्ली। कोरोना काल में हर कोई आर्थिक तंगी से जूझ रहा हैं, बहुत से लोगों के पास कोई रोजगार नहीं हैं. तो कुछ लोगों को इस आपदा ने अपने हुनर को तालाशा। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है पंजाब के बढ़ई धनीराम सग्गू ने । लॉकडाउन में जब काम मिलना बंद हो गया तो धनीराम अपने हुनर को तराशने और समय बिताने के लिए कुछ नया करने का सोचा।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर एक ऐसी साइकिल बनाने की सोची जो खालिस लकड़ी की बनी हो। जिरकापुर के 40 वर्षीय बढ़ई धनीराम ने घर में पड़ी लकडिय़ों और प्लाइवुड की मदद से ऐसी ही एक साइकिल बनाकर लोगों को हैरान कर दिया। जो अब बेहद ही चर्चा का विषय बना हुआ हैं। और सोशल मीडिया में जमकर तरीफ हो रही है । धनीराम ने लकड़ी की साइकिल बनाने का ख्वाब रचा, जिसका एक कारण ये भी था कि उनके पास सिर्फ लकड़ी प्लाइवुड जैसी चीजें पुरानी साइकिल का सामान था।
हाथ से बनाई लकड़ी की साइकिल
धनीराम ने साइकिल के मैकेनिज्म को देखा उसकी इंजीनियरिंग को बारीकी से समझा. फिर उन्होंने एक ब्लूप्रिंट डिजाइन बनाया काम शुरू कर दिया. उन्होंने अपनी पुरानी साइकिल के पैडल, रिम, सीट साइड स्टैंड का भी इस्तेमाल किया. पहला डिजाइन तैयार करने में उन्हें करीब एक महीना लगा. दूसरे प्रयास में उन्होंने कैनेडियन वुड का इस्तेमाल किया जो काफी हल्की, सस्ती टिकाऊ होती है।
अब तक 8 साइकिलें बेच चुका हैं
बता दें कि एक निजी कंपनी इस साइकिल को 15 हजार रुपये में बेच रही है, जिससे आप एक दिन में 25-30 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। साइकिल जालंधर, दिल्ली के अलावा दक्षिण अफ्रीका कनाडा तक बेची जा रही है. वो अब तक ऐसी 8 साइकिलें बेच चुके हैं फिलहाल 5 पर काम कर रहे हैं।
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