लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महोबा में क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद मामले में सियासत शुरू होती दिखाई दे रही है।विपक्ष के नेता अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा पीड़ित परिवार से मिलने के लिए महोबा जाना चाहते थे, लेकिन इसी बिच्छ उन्हें कानपुर के घाटमपुर पुलिस ने आगे जाने से रोकते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से हुई पुलिस की झड़प
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा महोबा पीड़ित परिवार से मिलने के लिए निकले थे। लेकिन, उन्हें कानपुर की घाटमपुर तहसील में रोक लिया गया। दोनों ही नेताओं को पुलिस ने गाड़ी से उतार लिया। कुछ देर तक अधिकारी इन्हें समझाते रहे। लेकिन, दोनों ही नेता महोबा जाने के लिए अड़े रहे। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान दोनों नेताओं की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि व्यक्ति के अधिकारों पर सरकार ने पहरा लगा दिया है यह अघोषित आपातकाल है। सरकार मनमानी कर रही है।
अपराधी तो अपराधी कानून के रखवाले भी सुपारी ले रहे है, व्यापारी की हत्या कर दी जाती है।
महोबा जाने के दौरान घाटमपुर में पुलिस ने जबरदस्ती रोक लिया।
व्यक्ति के अधिकारों पर सरकार ने पहरा लगा दिया है। यह अघोषित आपातकाल है। pic.twitter.com/QjfPk8SezV
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) September 14, 2020
क्या है पूरा मामला
बता दें कि इंद्रजीत त्रिपाठी एक विस्फोटक व्यापारी थे. 7 सितंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इस विडियो में व्यापारी ने तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर 6 लाख की रिश्वत मांगने और झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था।
उन्होंने सीएम को पत्र भी लिखा था। साथ ही वीडियो वायरल करके तत्कालीन एसपी की ओर से मिल रही धमकियों का भी जिक्र किया था। यहीं नहीं, उन्होंने अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी। 8 सितंबर को कार में व्यापारी इंद्रकांत घायल पड़े मिले थे। उन्हें गले में गोली लगी थी। तब उन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। रविवार सुबह से ही उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई। देर शाम उन्होंने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।
प्रियंका सहित अखिलेश ने सरकार पर साधा निशाना
महोबा की इस घटना पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, “महोबा के व्यापारी श्री इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या पूरी उप्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल है। बीजेपी सरकार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है। और अब इस सरकार के अफसर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों की सुपारी दिलवा रहे हैं। जंगलराज का भयावह रूप है ये।”
महोबा के व्यापारी श्री इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या पूरी उप्र सरकार की कार्यशैली पर सवाल है।
बीजेपी सरकार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर है। और अब इस सरकार के अफसर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों की सुपारी दिलवा रहे हैं।
जंगलराज का भयावह रूप है ये।https://t.co/KWHg1SX7Wp
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 14, 2020
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “महोबा के ‘इंद्रकांत त्रिपाठी सरकारी हत्याकांड’ में दिखावटी सस्पेंशन की लीपापोती न करके सरकार गिरफ़्तारी करे. आरोपित पुलिस कप्तान व डीएम के ख़िलाफ़ इतनी ढिलाई क्यों? पुलिस किस अधिकार से जन प्रतिनिधियों को जनता से मिलने व उनके मुद्दे उठाने से रोक रही है? क्या कोई हिस्सेदारी है?”
महोबा के ‘इंद्रकांत त्रिपाठी सरकारी हत्याकांड’ में दिखावटी सस्पेंशन की लीपापोती न करके सरकार गिरफ़्तारी करे. आरोपित पुलिस कप्तान व डीएम के ख़िलाफ़ इतनी ढिलाई क्यों? पुलिस किस अधिकार से जन प्रतिनिधियों को जनता से मिलने व उनके मुद्दे उठाने से रोक रही है?
क्या कोई हिस्सेदारी है? pic.twitter.com/q9HBydhbNZ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 14, 2020