नई दिल्ली: अब तक सभी इस बात को जान चुके हैं कि स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों के लिए कितनी नुक्सानदायक है. लेकिन, क्या आपको पता है कि इससे निकलने वाली नीली रोशनी त्वचा के लिए भी उतनी ही नुकसानदायक हो सकती हैं. कई लोग तो 10 मिनट भी अपने स्मार्टफोन से दूर नहीं रह पाते हैं. लेकिन, एक हालिया शोध के बाद त्वचा रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि स्मार्टफोन से दूरी बनाना जरूरी है.
बायोलॉजिकन सोरोसिस एंड नेल क्लीनिक के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्यामालर गुनाथेसन ने चेतावनी दी है कि स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी त्वचा के लिए उतनी की नुकसानदायक हैं जितनी सूरज की किरणें.
स्मार्टफोन के सामने बैठना है काफी नुकसानदायक
एक बैठक के दौरान उन्होंने कहा, पांच दिन डिजिटल उपकरणों के सामने काम करने से त्वचा को उतनी ही पराबैंगनी किरणें मिलती हैं जितनी 25 मिनट सूरज में बैठने से. उन्होंने कहा, त्वचा पर टैन (कालापन) होने में सिर्फ सात मिनट की सूरज की किरणें ही काफी हैं, ऐसे में इतनी देर स्मार्टफोन के सामने बैठना काफी नुकसानदायक हो सकता है.
इससे त्वचा होती है जल्दी बूढ़ी
नीली रोशनी के संपर्क में आना विशेष रूप से लंबे समय तक आपको थोड़ा अधिक हाइपरपिगमेंटेशन दे सकता है. इससे त्वचा भूरे रंग की होने लगती है. इससे त्वचा जल्दी बूढ़ी होने लगती है, त्वचा में झुर्रियां पड़ने लगती है और नमी भी गायब होने लगती है.
इन उत्पादों का करें इस्तेमाल
डॉक्टर गुनाथेसन ने कहा कि त्वचा का बचाव करने का सबसे आसान तरीका इन उपकरणों पर व्यतीत किए जाने वाले समय को सीमित करना है. उन्होंने कहा, ये न सिर्फ आपकी दिमागी सेहत के लिए अच्छा है बल्कि ये आपकी आंखों और त्वचा के लिए भी अच्छा है. सक्रिय तौर पर स्मार्टफोन सहित अन्य इलेक्ट्रिक उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले लोगों ऐसे त्वचा उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन बी-3 और विटामिन-सी मौजूद है.