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मुख़्तार और अतीक अहमद के बाद, सीएम योगी की नज़र में ये अपराधी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्तिथि को सुधारने के लिए योगी सरकार बीते कई महीनों से प्रदेश के माफिया तथा गैंगस्टर पर कड़ी करवाई करने में लगी हुई है। अब माफिया तथा गैंगस्ट का आर्थिक साम्राज्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रडार पर है। पूर्व सांसद अतीक अहमद, विधायक मुख्तार अंसारी के बाद अब अंडर वलर्ड डान दाऊद इब्राहिम का खास गुर्गा प्रदेश सरकार के निशाने पर है।

दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के सभी बड़े माफिया नेटवर्क को धराशायी करने का बड़ा अभियान चलाया है। अब तक अभियान में निशाने पर मुख्य रूप से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, अनिल दुजाना और सुंदर भाटी रहे हैं। जेल मे बंद माफिया डॉन अबू सलेम के करीबियों की अवैध संपत्ति जमा करने के मामले में जल्द ही कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश में 40 माफिया सरगना पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। अब तक यहां उनकी करीब 300 करोड़ रूपये की अवैध सम्पत्ति और धंधों को बंद किया जा चूका है।

योगी सरकार के निशाने पर अबू सलेम

उत्तर प्रदेश से फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में जेल में बंद दाऊद का खास शूटर अबू सलेम भी अब सीएम योगी आदित्यनाथ के निशाने पर है। अब प्रदेश सरकार ने अबू सलेम की बड़ी आॢथक ताकत पर चोट पहुंचाने के लिए उसके भाई और करीबियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। लखनऊ में चंद रोज पहले मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ कार्रवाई के दौरान ही कुछ लोगों ने पुलिस कमिश्नर से अबू सलेम के एक भाई की लखनऊ में कई सम्पत्तियों का ब्योरा बताते हुए शिकायतें की थीं। इसके बाद ही पुलिस को इनकी संपत्ति का ब्योरा जुटाने को कहा गया था।

अबू सलेम ने पत्र लिखकर मांगा था सीएम योगी से न्याय

मुख़्तार और अतीक अहमद के बाद, सीएम योगी की नज़र में ये अपराधी

आजमगढ़ के सरायमीर में 1960 में जन्में 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड अबू सलेम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में अपनी पैतृक जमीन पर अतिक्रमण को लेकर एक पत्र लिखा था। सलेम 1993 के विस्फोटों के लिए मुंबई सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। सलेम के वकील राजेश सिंह ने बताया कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ, आजमगढ़ के डीएम, एसपी और सरायमीर पुलिस स्टेशन के एसएचओ को लिखा है। सलेम के वकील ने कहा अगर पुलिस कुछ भी ठोस नहीं करती है तो तो दोषियों के खिलाफ धारा 156 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

सलेम ने पत्र में लिखा था कि 30 मार्च, 2013 को उसके परिवार से प्राप्त खतौनी उसे और उसके भाई को भूमि के मालिकों के रूप में दिखाता है, जबकि छह दिसंबर 2017 को भूमि मालिक का नाम खतौनी में बदल दिया गया है। कृपया न्याय करें। सलेम ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने धोखाधड़ी और जाली दस्तावेजों द्वारा उसकी जमीन हड़प ली। उन्होंने अवैध निर्माण भी शुरू कर दिया है। उन्होंने पुलिस से अवैध निर्माण को गिराने का अनुरोध किया है।