लखनऊ । अपनी उम्र का गलत हवाला देकर चुनाव लड़ने वाले अब्दुल्ला आजम अब 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस संबंध में विधान सभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा है। जिसमें अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए उनके चुनाव लड़ने से रोके जाने की संस्तुति की गई है।
बता दें कि रामपुर जिले के पूर्व विधायक नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने अब्दुल्ला आजम खां के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आग्रह करते हुए पत्र लिखा था। इसमें अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किये जाने के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-8(1) का उल्लेख किया गया है। इस पर विधानसभा सचिवालय द्वारा विधि विभाग की राय ली गई, जिसमें अब्दुल्ला आजम को चुनाव से रोके जाने की संस्तुति की गई। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-8(1) में भ्रष्ट आचरण के दोषी को चुनाव लड़ने से रोके जाने का प्रावधान है।
बता दें कि अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा सीट से 2017 में चुनाव जीते थे। बीते साल 16 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता को अवैध धोषित कर दिया था। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तह अब्दुल्ला आजम खान का निर्वाचन 16 दिसंबर 2019 से विधि शून्य कर उन्होंने अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया
दरअसल, 2017 में नामांकन के समय अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल नहीं थी, लेकिन उन्होंने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी के नेता नवाब काजिम अली खान ने याचिका दी थी। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि अब्दुल्ला उस समय चुनाव लड़ने के पात्र नहीं थे। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला आजम सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी थी।