लखनऊ: गोरखपुर के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे बहुजन समाज पार्टी के विधायक विनय तिवारी पर सीबीआई का सिकंजा कसता जा रहा है। सीबीआइ की एक टीम ने सोमवार को विधायक कुशल तिवारी के ऊपर करवाई करते हुए कुशल तिवारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। कुशल तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार से बहुजन समाज पार्टी के विधायक हैं। उनकी कंपनी गंगोत्री कंस्ट्रक्शन को लेकर सीबीआइ ने छापा मारा है।
विनय तिवारी की कंपनी ने किया है 1500 करोड़ ले बैंक लोन का घोटाले
सीबीआइ ने बसपा विधायक विनय तिवारी के पर करवाई करते हुए उनके ठिकानों पर छापेमारी की है। सीबीआइ ने राजधानी लखनऊ में उनके पार्क रोड और गोमतीनगर के आवास के साथ गोरखपुर के गोलघर तथा नोएडा में उनके ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया है।
सूत्रों ने बताया कि विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री एंटरप्राइजेज के कई कार्यालयों में भी छानबीन की जा रही है। मामला 1500 करोड़ के बैंक लोन घोटाले का है। विनय तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज सड़क निर्माण के साथ कंस्ट्रक्शन के काम करती है। प्रदेश में विनय तिवारी के ठिकानों पर सीबीआई की कई टीम एक साथ कार्रवाई कर रही हैं।
बैंक ने की थी शिकायत
सोमवार को गंगोत्री एंटरप्राइजेज के कंपनी के ऑफिस पहुंची सीबीआई टीम ने घंटों दस्तावेज खंगाले। मौके पर मिले लोगों से पूछताछ की। विधायक की कंपनी ने बैंक लोन लिया था। इसके बाद गंगोत्री एंटरप्राइजेज ने लोन की रकम को समय से वापस नहीं किया। इस पर बैंक ने शिकायत की। बैंक ने आरोप लगाया कि बैंक लोन हड़प कर दूसरी जगह निवेश किया गया। इस पर सीबीआई ने सोमवार को कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की।
चिल्लूपार में कायम है तिवारी परिवार का वर्चस्व
बता दें कि विनय तिवारी के पिता पंडित हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार से लगातार 22 वर्ष तक विधायक रहे। वह 1997 से लेकर 2007 तक लगातार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट में मंत्री भी रहे। इसके बाद 2012 में मिली हार के बाद हरिशंकर तिवारी ने एक भी चुनाव नहीं लड़ा। इसके बाद भी चिल्लूपार में तिवारी का वर्चस्व अभी भी कायम है। इसी कारण 2017 में मोदी लहर नाम की सियासी आंधी में भी हरिशंकर तिवारी के छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी ने बसपा के टिकट पर चिल्लूपार सीट से चुनाव जीता। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराया था।