गाजीपुर : राजधानी दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है. आज आंदोलन का 58वां दिन है. इसी बीच गाजीपुर जिले की पुलिस एक फरमान को लेकर चर्चा में आ गई है. किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड पर दिल्ली के रिंग रोड में विशाल ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है. इन सबके बीच जिले के सुहवल और सैदपुर थाने से एक आदेश आया. इस आदेश में लिखा था कि ट्रैक्टर और बोतल में डीजल नहीं दिया जाएगा. सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद पुलिस पर सवाल उठने में शुरू हो गए हैं. अब पुलिस ने अपनी गलती मानी है.
गाजीपुर पुलिस ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि नोटिस गलती से जारी हुआ था. थाना सुहावल की ओर से भूलवश इस तरह का नोटिस दिया गया था. इस मामले में एसपी ग्रामीण जांच करेंगे. 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने के आह्वान को देखते हुए पुलिस के कुछ एसओ ने पंप मालिकों को लिखित और मौखिक हिदायत दी थी. पुलिस ने कहा था कि अगर पेट्रोल टैंक के स्टाफ ट्रैक्टर में डीजल भरेंगे तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. ऐसे में सुहवल और सैदपुर थानों से जारी फरमान के आधार पर पेट्रोल पंप मालिकों ने सूचना पंप पर लगा दी, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगी.
गाजीपुर पेट्रोलियम डीलर असोसिएशन के अध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह ने कहा कि यह आदेश कहीं से भी व्यवहारिक नहीं है. अगर प्रशासन को इसको लागू ही करना था तो पेट्रोल पंप पर डीजल की सप्लाई रुकवा देनी चाहिए. ट्रैक्टर मालिकों को डीजल न देने की बात कहकर कौन विवाद में पड़ना चाहेगा. अगर इसको लागू करने का दबाव बनाया गया तो असोसिएशन इसका खुल विरोध करेगा.