आजमगढ़। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार आंदोलन दूसरे दिन भी जारी है। जिससे कई जिलों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। लोग परेशान हैं। इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की बैठक बुलाई है। उम्मीद है कि बैठक में कर्मचारियों को कोई भरोसा दिलाया जाएगा जिससे कि हड़ताल खत्म हो सके।
चीफ इंजीनियर आफिस पर प्रदर्शन
चीफ इंजीनियर आफिस पर संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। मुख्य अभियंता राजेश रंजन सिंह ने कहा कि दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। इसके बाद भी सरकार ने कोई सकारात्मक पहल नहीं किया है। इसके चलते ही कर्मचारी हड़ताल पर जाने का विवश हुए है। एक्सईएन प्रथम अशोक कुमार ने कहा कि ऊर्जा मंत्री के साथ भी वार्ता का समय निर्धारित है। यदि यह वार्ता भी विफल होती है तो पूरे प्रदेश में बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है।
प्रशासन का दावा पूरी तरह दिखा फेल
जिला प्रशासन बिजली कर्मचारियों के हड़ताल को देखते हुए कई दिनों से अलर्ट पर थी। लगातार बिजली व्यवस्था हड़ताल होने पर भी दुरूस्त रखने का दावा किया जा रहा था। बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के पहले ही शहर से लेकर ग्रामीणांचल की बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई। जिला प्रशासन का दावा पूरी तरह से फेल नजर आया। बिजली कर्मचारियों ने कहीं की बत्ती नहीं गुल किया लेकिन जहां फाल्ट हुआ उसे ठीक करने नहीं गए। जिला प्रशासन ने पॉलिटेक्निक व आईटीआई के पास आउट छात्रों के अलावा ठेकेदारी व्यवस्था के कर्मचारियों के बल पर निर्बाध बिजली व्यवस्था चालू रखने का दावा किया था लेकिन रविवार की रात दस बजे से ही बिजली गुल हुई जो सोमवार की देर शाम तक नहीं आई। प्रशासनिक दावे के पूरी तरह से फेल होन से आम जनता में आक्रोश भी देखने को मिला।
निजी प्रतिष्ठान भी हुए बंद, इंवर्टर ने भी दिया जवाब
बिजली की आपूर्ति बाधित होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दुकानों और घरों में लगे लोगों के इंवर्टर जवाब दे गए। जिसके कारण लोगों को रात के बाद दिन भी हाथ के पंखे के सहारे गुजारना पड़ा। निजी प्रतिष्ठानों में लोगों ने इंवर्टर लगाए थे लेकिन वह भी जवाब दे गया। जिसके कारण लोगों को अपने निजी प्रतिष्ठान भी बंद करने पड़े।
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