नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन निकली किसानों की ट्रैक्टर रैली में ज़बरदस्त हिंसा हुई जिसका असर अब किसान आंदोलन पर पड़ता हुआ दिख रहा है. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पिछले करीब दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के खिलाफ गुरुवार को गांव वाले सड़कों पर उतर आए.
लाल किले में हुई हिंसा को लेकर गांव वालों में नाराजगी दिखी, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि तुरंत हाइवे खाली किया जाए. किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन और स्थानीय नागरिक थे, जो तिरंगे के साथ आए थे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लाल किले में तिरंगे का अपमान किया गया, जो हम लोग नहीं सहेंगे. हम अभी तक यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों की मदद कर रहे थे, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन जो घटना हुई उससे वो काफी नाराज हैं.
जब गावंवालों की ओर से यहां पर प्रदर्शन किया गया, तो किसान प्रदर्शनकारियों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. किसानों की ओर से जय जवान-जय किसान के नारे लगाए गए. एक वक्त ऐसा मौका भी आय़ा, जब नारेबाजी करने वाले दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. हालांकि, कुछ वक्त बाद ही स्थानीय प्रदर्शनकारी लौट गए.
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद से ही अलग-अलग प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है, ऐसे में जो लोग प्रदर्शन करने आए वो भी कुछ दूरी पर ही प्रदर्शन कर रहे थे.