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राहुल गांधी बोले-  भारत में अब सिर्फ ‘ख्वाबों में लोकतंत्र’

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का गुरुवार को 29वां दिन रहा। किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बावजूद मार्च निकालने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस मार्च से अलग राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके बाद राहुल ने कहा कि मोदी के खिलाफ खड़ा होने की कोशिश करने वाले को आतंकी करार दे दिया जाएगा, भले ही मोहन भागवत ही क्यों न हों।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानून के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। इससे पहले भी राहुल गांधी विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर राष्ट्रपति से मुलाकात कर चुके हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कृषि कानूनों के खिलाफ विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक निकाले गए मार्च को पुलिस ने रोक लिया।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को तीन कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान लगभग एक महीने से आंदोलनरत हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है।गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को पत्र लिखकर उनसे वार्ता के लिए तारीख और समय बताने को कहा है। इसके साथ ही उन्हें उन अन्य मुद्दों की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है जिन पर वो वार्ता करना चाहते हैं।

भारत में अब लोकतंत्र नहीं

राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि इन किसानों को असामाजिक, कट्टर वामपंथ और यहां तक कि खालिस्तान फ्रंट जैसे आतंकवादी आंदोलनों से जोड़ना कोई नई बात नहीं है। राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भारत में अब लोकतंत्र नहीं रह गया है, अगर आपको लगता है कि यह है, तो यह अब बस आपकी कल्पनाओं में रह गया है।
इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि शायद वो(राहुल गांधी) इतिहास नहीं पढ़े हैं। आपातकाल भारत के इतिहास में काले अक्षर में है, राहुल गांधी को पढ़ लेना चाहिए।

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मोदी पूंजीवादी दोस्तों के लिए काम कर रहे

राहुल गांधी ने कहा कि मोदी और बीजेपी की केवल एक महत्वाकांक्षा है और यह कुछ ऐसा है जिसे किसानों और मजदूरों ने समझ लिया है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी तीन से चार पूंजीवादी दोस्तों के लिए काम कर रहे हैं। बीजेपी के कई नेताओं ने आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्र-विरोधी कहा है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब किसान उनके खिलाफ खड़े होते हैं तो वे उन्हें आतंकवादी कहते हैं, जब मजदूर उनके खिलाफ खड़े होते हैं, तो वे उन्हें आतंकवादी कहते हैं। जो भी मोदी के खिलाफ खड़ा होता है उसे आतंकवादी कहा जाता है। जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे राष्ट्रविरोधी बताया जाता है।

किसानों के साहस का सामना कोई नहीं कर सकता

राहुल गांधी ने ये भी कहा कि वह दो करोड़ हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति से मिले। उन्होंने कहा कि हमने किसानों की आवाज सुनी है और ये सर्दियों का मौसम है और पूरा देश देख रहा है कि किसान दर्द में है, उनमें से कई मर रहे हैं और प्रधानमंत्री को उनकी बात सुननी चाहिए। कोई भी किसानों के साहस और आंदोलन का सामना नहीं कर सकता। राहुल ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता है तो केवल बीजेपी या आरएसएस नहीं है, बल्कि पूरा देश इसके लिए भुगतान करेगा. किसान, मजदूर इस देश की रीढ़ हैं और उनकी आजीविका लूटकर ये सरकार पूरे देश को नुकसान पहुंचा रही है।

उन्होंने सरकार से कहा कि कोई गलती न करें, ये किसान तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती. राहुल गांधी ने कहा कि हम अपने किसान भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। हम तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। जिस तरह से इन कानूनों को बहस किए बिना और किसानों और मजदूरों के साथ चर्चा किए बिना इसे पारित किया गया, यह दिखाता है कि इसकी प्रकृति ही अलोकतांत्रिक थी।

एक अक्षम व्यक्ति सिस्टम को चला रहा

राहुल ने कहा कि चीन अभी तक बॉर्डर पर है। उसने भारत की हजारों किलोमीटर जमीन छीन ली है। प्रधानमंत्री इस बारे में क्यों नहीं बोलते? आपके पास एक अक्षम व्यक्ति है जिसे कोई समझ नहीं और वह 3-4 दूसरे लोगों के हिसाब से सिस्टम को चला रहा है।

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किसानों को देश विरोधी कहना पाप

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा नेता और समर्थक किसानों के लिए जो शब्द इस्तेमाल कर रहे हैं, वह पाप है। अगर सरकार किसानों को देश विरोधी कहती है तो, सरकार पापी है। किसानों की समस्या का हल तब निकलेगा, जब सरकार उनका आदर करेगी। इस सरकार के खिलाफ किसी भी तरह के असंतोष को आतंक के नजरिए से देखा जा रहा है।

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भाजपा दो तरह की बातें करती है

प्रियंका ने कहा कि कभी वे कहते हैं कि हम इतने कमजोर हैं कि विपक्ष के लायक ही नहीं। कभी कहते हैं कि हम इतने ताकतवर हैं कि हमने दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के लिए लाखों कैंप बना दिए। पहले उन्हें तय करना चाहिए कि हम क्या हैं?

 

 

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