प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के वकील राजेंद्र शर्मा और उनके परिवार पर पुलिस बर्बरता और दुर्व्यवहार की घटना मामले की मंगलवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने एटा के डीएम और एसपी को सीजेएम को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। कहा है कि सीजेएम को उनके द्वारा मांगी गई जानकारी और दस्तावेज दिए जाएं। बता दें कि इस प्रकरण का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायाधीश एसडी सिंह की खंडपीठ ने जांच में ऑडियो-विडियो के आधार पर घटना की पूरी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
अब मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2021 तय की गई है।एटा शहर के कटरा मोहल्ला निवासी वकील राजेंद्र शर्मा और लोकमनदास तिराहा निवासी रामू भटेले के बीच 2014 से एक मकान पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है। 21 दिसंबर को इस मामले को लेकर दोनों पक्षों में मारपीट व फायरिंग हुई। इसमें मोहल्ला सुंदरलाल स्ट्रीट निवासी अरबाज गोली लगने से घायल हो गया।
7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
विवादित मकान में रहने वाली रेखा शर्मा ने वकील राजेंद्र शर्मा और उनके परिवार समेत 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। आरोप है कि पुलिस आरोपित राजेंद्र शर्मा को गिरफ्तार करने पहुंची। इस दौरान उनके गेट पर लात मारी गई। राजेंद्र शर्मा के दरवाजा खोलते ही उन पर पुलिस टूट पड़ी। जमीन पर गिराकर उन्हें बेरहमी से घसीटा और पीटा गया।
इस मामले में एसएसपी एटा ने कहा था कि मकान को लेकर कोर्ट में एक सिविल केस चल रहा है। कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। ऐसे में मकान में रहने वाली रेखा शर्मा के घर के बाहर होने पर राजेंद्र शर्मा ने मकान पर कब्जा करने की कोशिश की। इस दौरान फायरिंग में एक शख्स को गोली लगी। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए यह कार्रवाई की थी। मामले में आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चीफ जस्टिस ने कायम की थी जनहित याचिका
एटा पुलिस के इस अभद्र व्यवहार के विरोध में पूरे राज्यभर में वकीलों ने प्रदर्शन किया। साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्र ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की थी। जिस पर चीफ जस्टिस ने जनहित याचिका कायम करते हुए सुनवाई की है।