नई दिल्ली: किसानों के आंदोलन का आज 35वां दिन है. आज सातवें दौर की बातचीत के लिए विज्ञान भवन में 40 किसान संगठनों के नेताओं और सरकार की मीटिंग चल रही है. लंच ब्रेक में किसानों ने आज भी अपना लाया हुआ खाना खाया. लेकिन, इस बार की खास बात ये रही कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी किसानों के साथ लंच करते नजर आए.
इससे पहले मीटिंग के दौरान किसान नेताओं ने मांग रखी कि आंदोलन के दौरान उनके जो साथी मारे गए, उनके परिवारों को इंसाफ और मुआवजा दिया जाए. मीटिंग में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश शामिल हुए हैं.
अपडेट्स
- मीटिंग से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में फसलों की कीमतें 50% गिर गईं.
- इनकी खरीद समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे हो रही है. धान का भाव 800 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है.
- किसान मजदूर संघर्ष समिति, पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह सबरा ने कहा कि सरकार से पिछली बैठकें बेनतीजा रहीं, आज भी कोई हल निकलने की उम्मीद नहीं है. सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए.
- किसानों के समर्थन में पंजाब में लोग रिलायंस जियो के टावर्स को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसलिए कंपनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री और DGP को चिट्ठी लिखकर दखल देने की मांग की है.
- राकेश टिकैत ने कहा कि देश में विपक्ष का मजबूत होना जरूरी है, ताकि सरकार को डर बना रहे. लेकिन, ऐसा नहीं होने की वजह से किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा. कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष को सड़कों पर प्रदर्शन करना चाहिए.
21 दिन बाद बातचीत
किसानों और सरकार के बीच पहले हुई 6 दौर की बातचीत बेनतीजा रही थीं. पिछली मीटिंग 8 दिसंबर को हुई थी. उसके बाद बातचीत का दौर थम गया था और किसानों ने विरोध तेज कर दिया. ऐसे में सरकार ने 3 बार चिट्ठियां लिखकर किसानों को मीटिंग के लिए मनाने की कोशिश की. आखिर किसान बैठक के लिए तो राजी हो गए, लेकिन कहा कि चर्चा उनके एजेंडे पर ही होगी.