नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर शुक्रवार को स्थिति तनावपूर्ण रही। इसमें सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति सिंघु बॉर्डर पर रही। दोपहर को नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। इनका कहना था कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनकी जरूरत के सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और नारेबाजी कर रहे लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ।
पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस झड़प में 5 पुलिसवाले घायल हो गए। अलीपुर थाने के एसएचओ प्रदीप पालीवाल भी तलवार से हुए हमले में जख्मी हो गए। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। सिंघु बॉर्डर पर झड़प के बाद दो लोगों को हिरासत में लिया। उपद्रवियों की हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे
शुक्रवार दोपहर हुई झड़प से पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने केंद्र सरकार पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के लोगों को भेजकर किसानों के धरनास्थल पर माहौल बिगाड़ रही है। लेकिन, कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार नफरत फैलाने का काम कर रही है, ये लड़ाई किसान की है किसी धर्म की नहीं, हमारे लोग शांत थे 4 बजे तक दिल्ली छोड़ चुके थे, पुलिस ने ही गुमराह किया। राकेश टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में जो पंचायत चल रही है उसमें 10 लाख किसान है, हमने उनसे शांति बनाए रखने को कहा। भारत सरकार से हम बात करेंगे, किसान यहां से सम्मान के साथ जीतकर जाएंगे, बस आप लोग शांति बनाए रखें, जिसे हिंसा करनी हो वो आंदोलन छोड़ दें। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार हठधर्मी हो रही है, अगर सरकार चाहती तो फैसला बहुत जल्दी हो जाता। अगर मुद्दे का हल नहीं होता तो गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन चलेगा।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। उन्हीं जगहों में से एक जगह सिंघु बॉर्डर है। इसी जगह पर स्थानीय लोग शुक्रवार को अचानक पहुंच गए और उपद्रव दिखाने लगे। स्थानीय लोग मांग कर रहे थे कि किसान सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल को खाली करें क्योंकि उनके मुताबिक गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले करीब 150 से अधिक लोगों का एक समूह ने बॉर्डर पर उत्पात मचाया। स्थानीय लोगों के विरोध करने पर हरियाणा की सीमा की तरफ बैठे लोग भी विरोध में आ गए और हालात तनावपूर्ण हो गए।
प्रदर्शनस्थल पर भारी सुरक्षाबल तैनात
लोगों द्वारा प्रदर्शनस्थल पर हंगामा करने के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी। पुलिस ने आंदोलन करने वाली जगह पर हर ओर से घेराबंदी कर दी है। रिजर्व बटालियन के साथ मौके पर आला अधिकारियों ने कमान संभाल ली। वहीं, जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ खुद स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर भी मौके पर पहुंच गए। करीब 15 अतिरिक्त कंपनी अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई है। वहीं, दूसरी ओर सिंघु बॉर्डर व आसपास के इलाके में इंटरनेट सेवा काम नहीं कर रही है। ऐसे में आसपास के लोग यह आशंका जता रहे हैं कि इलाके में जैमर लगा दिया गया है। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि इंटरनेट जरूर बंद हुआ था, लेकिन इसे खोल दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी लगभग करीब तीन किलोमीटर के दायरे के इलाके में इंटरनेट सेवा नहीं चल रही है।