नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत ने कहा कि वह अपने विकास के एजेंडे के सभी पहलुओं में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण पर बल दे रहा है। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम महिलाओं के विकास के साथ साथ महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रतिमान को लेकर आगे बढ़े हैं। मौजूदा वक्त में भारत सभी क्षेत्रों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और लैगिक भेदभाव के सभी रूपों को खत्म करने पर बल दे रहा है।
#WATCH In India,we recognise centrality of gender equality & women's empowerment in all aspects of our developmental agenda…We've moved from paradigm of women’s development to women-led development:Union Min Smriti Irani at UN meeting on 25th yr of 4th World Conference on Women pic.twitter.com/5Kw4uaHBSK
— ANI (@ANI) October 1, 2020
गुरुवार को ऑनलाइन माध्यम से किया महासभा को संबोधित
बीते गुरुवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ऑनलाइन माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और उनकी देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। इसके तहत केंद्रों में एक छत के नीचे महिलाओं को चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक, कानूनी, पुलिस और आश्रय जैसी सहूलियतें मुहैया कराई जा रही हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकवाद और युद्ध ने लाखों जिंदगियां छीन ली हैं।
शिया मुसलमानों के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान पर साधा निशाना
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान के निरंतर असत्य दुष्प्रचार का जवाब देते हुए भारत ने जोरदार हमला बोला। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का एकमात्र उद्देश्य आतंकियों को पालने-पोसने के कृत्य पर चर्चा से बचने के लिए बेवजह का शोर मचाना है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि आतंकवाद, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, शिया व अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा और उनके साथ भेदभाव की पाकिस्तान की कोई बात दुनिया से छिपी नहीं है। बावजूद पाकिस्तान दूसरे देशों पर अनावश्यक आक्षेप लगाता है।
भारत के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कहा कि पाकिस्तान पहले अपने देश के अल्पसंख्यकों के प्रति सहनशीलता दिखाए और पड़ोसी देशों के साथ अच्छा व्यवहार करे, तब वह दूसरों पर आक्षेप लगाए। उन्होंने कहा, मानवाधिकारों को लेकर कोई भी समझौता या मान्यता पाकिस्तान में नहीं मानी जाती। वहां पर हर तरह के अल्पसंख्यक का केवल उत्पीड़न होता है। इसीलिए वहां पर हिंदू, सिख, ईसाई, शिया, अहमदिया और अन्य अल्पसंख्यकों तबकों की आबादी कम होती जा रही है।