लखनऊ: कोरोनावायरस को हमारे बीच रहते हुए तकरीबन एक साल होने को है। एक साल से सारी दुनिया इस वायरस का कहर झेल रही है, अभी तक इसकी कोई दवा हमारे पास मौजूद नहीं है। कोविड-19 की वजह से लोगों की जिंदगी बदतर हो रही है। अब एक नए अध्ययन में ये बात सामने आई है कि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण लोगों में लंबे समय तक रह सकते है।
एक अध्ययन में दावा किया गया है कि जो लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं उनके इस वायरस की चपेट में दुबारा आने का खतरा भी अधिक होता है, साथ ही इस बीमारी के लक्षण तीन महीनों तक मरीज में रह सकते हैं। अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 का प्रभाव जितना अधिक होगा उसके लक्षण उतने ही लंबे समय तक मरीज में मौजूद रहेंगे।
संक्रमण से ठीक होने के 12 हफ्तों बाद भी 76 प्रतिशत लोगों में लक्षण नजर आ रहे थे
अध्ययन को प्रमाणित करने के लिए स्पेन के डॉक्टर और शोधकर्ताओं ने 108 मरीजों का डेटा इकट्ठा किया। अध्ययन में 44 मरीज गंभीर रूप से बीमार थे। संक्रमण से ठीक होने के 12 हफ्तों बाद भी 76 प्रतिशत लोगों में लक्षण नजर आ रहे थे। अध्ययन में पाया गया कि 40 प्रतिशत मरीजों में कोरोनावायरस से जुड़ी बीमारी थी। यह शोध पेपर ‘मेड्रिक्स‘ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में शामिल लोगों को सबसे ज्यादा सांस फूलने की शिकायत, कमजोरी, खांसी, सीने में दर्द, जी घबराना, दिल की धड़कन बढ़ जाना और साइकोलॉजिकल डिसॉर्डर की समस्या थी।
चार में से एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मौजूद थे
अमेरिका में भी इसी तरह का एक अध्ययन किया गया जिसमें 233 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का डेटा लिया गया। अध्ययन के मुताबिक आठ मरीज गंभीर रूप से बीमार थे, जिनमें तीन महीने बाद भी चार में से एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मौजूद थे। इस अध्ययन में भी गंभीर मरीजों में ही लक्षण लंबे समय तक देखे गए। कोरोना के गंभीर मरीजों में एक महीने बाद लगभग 59.4 प्रतिशत लक्षण मौजूद थे, और तीन महीने बाद 40.6 प्रतिशत मरीजों में कोरोना के लक्षण मौजूद थे। अमेरिका की स्टडी में सबसे प्रमुख लक्षण थे स्वाद और गन्ध न आना, ध्यान लगाने में समस्या, सांस फूलना, याद्दाश्त पर असर, कंफ्यूजन, सर दर्द, बदन दर्द, धड़कने तेज होना, सीने में दर्द और चक्कर आना शामिल है।
लंबे समय तक रह सकती हैं एंटीबॉडी:
अध्ययन के मुताबिक कोरोना से ठीक हुए मरीजों में एंटीबॉडी डेवलप होती है, जो मरीजों में तीन महीनों तक रहती है। जर्नल ‘साइंस इम्यूनोलॉजी‘ में प्रकाशित दो रिपोर्ट यह बताती हैं कि कोविड-19 की एंटीबॉडी भी कम से कम तीन महीनों तक रहती हैं।